यूपी सरकार ने गन्ना किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए आज गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है. उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि पुरानी सरकारों ने चीनी उद्योग को भारी क्षति पहुंचाई है और निगम क्षेत्र की लगभग 21 मिलों को औने-पौने दामों में बेच दिया गया. इससे किसानों के गन्ना उत्पादन को भारी क्षति पहुंचाई गई. उन्होंने कहा कि मौजूदा योगी सरकार ने 4 नई चीनी मिलें शुरू की हैं और 42 चीनी मिलों को विस्तारित किया है.
योगी सरकार ने चीनी क्षेत्र में बड़े सुधार किए
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने प्रेसवार्ता में कहा कि पुरानी सरकारों ने निगम क्षेत्र की लगभग 21 मिलों को औने-पौने दामों में बेच दिया गया. इस प्रक्रिया में वे चीनी मिलें भी शामिल कर ली गईं जोकि लाभ हासिल कर रही थीं. इस प्रकार चीनी उद्योग को भारी क्षति पहुंचाई गई. निजी क्षेत्र की चीनी मिलें भी भ्रष्टाचार की शिकार हुईं. निजी उद्यमी भय के कारण चीनी मिलों को बंद करने के लिए बाध्य हो गए थे. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने चीनी क्षेत्र में बड़े सुधार करते हुए इसे विकसित किया है.
बंद चीनी मिलें शुरू कराईं और 42 मिलों को विस्तार किया
राज्य सरकार के कुशल निर्देशन व पारदर्शी व्यवस्था से चीनी उद्योग में 12,000 करोड़ की भारी धनराशि का निवेश प्राप्त हुआ है. इसके फलस्वरूप 04 नई मिलें स्थापित हुईं और 06 बंद चीनी मिलों को फिर से संचालित कराया गया है. राज्य में सकारात्मक पहल के कारण 42 चीनी मिलों द्वारा भारी क्षमता विस्तार किया गया, जो लगभग 08 बड़ी नई चीनी मिलों के समान है तथा 02 चीनी मिलों में सीबीजी प्लांट भी स्थापित किए गए हैं.
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पिछली सरकारों की तुलना में सहकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में भी लगभग 1,700 करोड़ रुपये की धनराशि निवेशित की गई है. इस प्रकार प्रदेश में सभी क्षेत्रों की 122 चीनी मिलें वर्तमान में संचालित हैं. संचालित चीनी मिलों की संख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश राज्य देश में दूसरे स्थान पर है.
यूपी के गन्ना मॉडल को दूसरे राज्य भी अपना रहे
एसजीके के माध्यम से पर्ची निर्गमन की पारदर्शी एवं ऑनलाइन व्यवस्था: वर्ष 2016-17 के पश्चात राज्य सरकार द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता को समाप्त किया गया है. गन्ना क्षेत्रफल, गन्ना सट्टा, गन्ना कैलेंडरिंग एवं गन्ना पर्ची की ऑनलाइन व्यवस्था हेतु सेंट्रलाइज्ड वेब बेस्ड स्मार्ट गन्ना किसान व्यवस्था विकसित की गई. उत्तर प्रदेश राज्य इस प्रकार की व्यवस्था करने वाला देश में प्रथम राज्य है. भारत सरकार द्वारा भी अन्य राज्यों को यह मॉडल अपनाने हेतु निर्देशित किया गया है.
एथेनॉल उत्पादन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश
एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. वर्ष 2017 में एथेनॉल डिस्टलरी की संख्या 61 थी, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 97 हो गई है. प्रदेश सरकार की प्रभावी तथा पारदर्शी नीति के कारण लगभग 04 आसवनियों के प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं. एथेनॉल का उत्पादन 41.28 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो चुका है.
योगी राज में गन्ना रकबा 9 लाख हेक्टेयर बढ़ा
राज्य सरकार के विशेष प्रयासों से गन्ना क्षेत्रफल में लगभग 09 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और वर्ष 2016-17 के मुकाबले 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है. गन्ना क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश राज्य देश में प्रथम स्थान पर है.

गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी.
गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया गया
गन्ना मूल्य का राज्य सरकार द्वारा रिकॉर्ड भुगतान कराया गया है. वर्ष 2007 से वर्ष 2017 तक 1,47,346 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि वर्ष 2017 से अब तक लगभग 2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया, जो लगभग 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक है.
योगी सरकार के कार्यकाल में कब कब गन्ना मूल्य बढ़ाया गया
- पेराई सत्र 2017-18 में गन्ना मूल्य की दरों में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि.
- पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना मूल्य की दरों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि.
- पेराई सत्र 2023-24 में गन्ना मूल्य की दरों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि.
- पेराई सत्र 2025-26 हेतु गन्ना मूल्य की दरों में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
अब किसानों को कितना मिलेगा गन्न मूल्य
योगी सरकार के ताजा फैसले के बाद गन्ना किसानों को अगेती प्रजातियों के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजातियों के लिए 390 रुयपे प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा. इस बढ़ोत्तरी से गन्ना किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त गन्ना मूल्य भुगतान प्राप्त होगा.