किसानों को मिलेगा मुआवजा, सरकार ने शुरू किया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल.. 31 अगस्त तक कर सकते हैं क्लेम

हरियाणा सरकार ने भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान के बाद रोहतक, चरखी दादरी, पलवल और हिसार के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है. किसान 31 अगस्त तक मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं.

नोएडा | Published: 17 Aug, 2025 | 08:21 AM

हरियाणा में भारी बारिश और जलभराव से खरीफ फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने रोहतक, चरखी दादरी, पलवल और हिसार जिलों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है. यह पोर्टल 31 अगस्त तक खुला रहेगा, जिसमें प्रभावित गांवों के किसान अपनी मुआवजे की दावे की जानकारी अपलोड कर सकते हैं. यह प्रक्रिया सरकार की तय नीति के अनुसार होगी. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, यह फैसला जमीनी स्तर पर नुकसान के सर्वे और जिलों से मिली रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है.

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहतक के डिप्टी कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार ने भारी बारिश और जलभराव से खरीफ फसलों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 2025 के लिए फिर से खोलने का फैसला किया है. किसान 31 अगस्त तक इस पोर्टल पर जाकर मुआवजे के लिए दावा अपलोड कर सकते हैं. डिप्टी कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि पोर्टल को महाम तहसील के 14 गांवों और लखन माजरा सब-तहसील के 1 गांव के लिए एक्टिव किया गया है, जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

इन गांवों को मिलेगा फसल मुआवजा

फसल नुकसान झेलने वाले गांव महाम, फरमाना खास, समैंण, बेढवा, बेहलबा, सिसरा खास, शेखपुर तितरी, खेरी महाम, भैणी भैरों, भैणी सूरजन, भैणी महाराजपुर, मदीना कोरसान, भरन और भैणी चंदरपाल के किसान इस पोर्टल पर  मुआवजे की दावे की जानकारी अपलोड कर सकते हैं. क्योंकि इन गांवों के लिए पोर्टल एक्टिव हो गया है. डीसी ने सभी प्रभावित किसानों से अपील की है कि वे 31 अगस्त से पहले अपने दावे जरूर अपलोड करें.

किसानों को मिले फसल मुआवजा

इधर, अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) की जिला इकाई ने मांग की है कि और गांवों को भी मुआवजा योजना में शामिल किया जाए. AIKS के जिला अध्यक्ष प्रीत सिंह ने कहा कि चुलियाना, कुलताना और पाकसमा जैसे गांव अभी तक सरकार की घोषित 14 गांवों की सूची में शामिल नहीं हैं, जबकि यहां की काफी खेती वाली जमीन अब भी पानी में डूबी हुई है और किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल जिला राजस्व अधिकारी से मिलकर इन गांवों को सूची में शामिल करने की मांग कर चुका है, ताकि यहां के प्रभावित किसान भी मुआवजे का लाभ ले सकें.

1.5 लाख एकड़ में फसल बर्बाद

बता दें कि हरियाणा के भिवानी, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, रोहतक, झज्जर, जींद और रेवाड़ी जैसे जिलों में इस साल भारी बारशि से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है. हजारों हेक्टेयर में मक्का, धान और कपास की फसलें जलभराव के कारण बर्बाद हो गई हैं. इस मॉनसून में राज्य में अब तक 290.5 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य औसत 255.5 मिमी होता है. अनुमान के मुताबिक, करीब 1.5 लाख एकड़ में बोई गई खरीफ फसलें जलभराव की वजह से प्रभावित हुई हैं.