Punjab News: इस साल पंजाब में धान की खरीफ सीजन पर बाढ़ और बेवक्त बारिश का बुरा असर पड़ा है. अब तक राज्य की अनाज मंडियों में सिर्फ 44.22 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जो इस सीजन के 172 लाख मीट्रिक टन (LMT) के टारगेट का सिर्फ 25.71 फीसदी है. हालांकि, इस बार खरीफ विपणन सीजन 16 सितंबर से शुरू किया गया था, जबकि आमतौर पर इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से होती है. यह सीजन 30 नवंबर तक चलेगा. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में धान खरीदी में तेजी आएगी.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार, अब तक 42.44 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जबकि कुल आवक 44.22 लाख मीट्रिक टन रही. शनिवार को ही पूरे राज्य में 5.57 लाख मीट्रिक टन धान की आवक दर्ज की गई. विभाग का कहना है कि पिछले 72 घंटों में खरीदे गए पूरे धान स्टॉक की लिफ्टिंग (उठाव) हो चुकी है. इस साल पंजाब को 172 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन करीब 190 लाख मीट्रिक टन तक खरीद की तैयारी की गई है.
धान खरीदी 15 दिन पहले शुरू हुई
धान में ज्यादा नमी न रहे, इसलिए इस बार खरीद सीजन को 15 दिन पहले शुरू किया गया था. लेकिन भारी बारिश और बाढ़ ने इस योजना पर पानी फेर दिया. इन मौसम घटनाओं के कारण कई इलाकों में पैदावार कम हुई है, और जो धान आया है उसमें दाने का रंग खराब है और नमी भी ज्यादा पाई गई है. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से FAQ (फेयर एवरेज क्वालिटी) मानकों में छूट देने की मांग की है, ताकि किसानों से धान की खरीद जारी रखी जा सके. फतेहगढ़ साहिब के किसान कुलवंत सिंह ने कहा कि समय से पहले बारिश के कारण ज्यादातर किसानों को धान की कटाई रोकनी पड़ी. उन्होंने कहा कि सरहदी जिलों में जहां धान की फसल बारिश से बर्बाद हो गई, वहीं हमारे इलाके में बौना वायरस (ड्वार्फ वायरस) का असर रहा और दानों का रंग भी काफी खराब हो गया.
आंध्र प्रदेश में 27 अक्टूबर से शुरू होगी धान की खरीद
वहीं, आंध्र प्रदेश में धान की खरीद 27 अक्टूबर से शुरू होगी. खरीद प्रक्रिया में सुधार के तहत अब किसान व्हाट्सऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, भुगतान 48 घंटे के भीतर उनके खाते में आएगा और पूरी प्रक्रिया लगभग पेपरलेस होगी. मंत्रालय ने राइस मिलर्स से कहा है कि वे पहले से ही नमी मापने वाली मशीनें, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था और अच्छी क्वालिटी की बोरी तैयार रखें. राज्य में इसके लिए 3,000 से ज्यादा रैतु सेवा केंद्र, करीब 2,000 प्राइमरी प्रोक्योरमेंट सेंटर्स और लगभग 10,000 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. वहीं, किसानों का कहना है कि सरकार ने इस साल धान खरीद का टारगेट बढ़ा दिया है. ऐसे में उन्हें इस साल अच्छी कमाई होगी.