Maharashtra Farmers Relief: इस साल हुई भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया. इस संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद के लिए 3,258 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है. राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी.
सरकार की राहत का दायरा
पिछले दो दिनों में सरकार ने किसानों को समर्थन देने के लिए कुल 5,364 करोड़ रुपये की राशि कई अलग-अलग प्रस्तावों के जरिए मंजूर की है. इसमें अब 23 जिलों के 33.65 लाख किसानों के लिए 3,258 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया गया है.
मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल के अनुसार, सितंबर 2025 में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 1,356.30 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज भी जारी किया गया है. इस फैसले से सात जिलों सतारा, कोल्हापुर, बीड, धारावीशिव, लातूर, परभणी और नांदेड के लगभग 21.66 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. यहां कुल 15.16 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई थीं.
जिलों के अनुसार राहत राशि
बीड जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ और यहां 8 लाख से अधिक किसानों के लिए 6.44 लाख हेक्टेयर फसल नुकसान के लिए 577.78 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी.
धारावीशिव: लगभग 4 लाख किसानों के लिए 292.49 करोड़ रुपये.
लातूर: 4 लाख से अधिक किसानों के लिए 202.38 करोड़ रुपये.
परभणी: 4.39 लाख किसानों के लिए 245.64 करोड़ रुपये.
नांदेड: 83,000 किसानों के लिए 28.52 करोड़ रुपये.
सतारा: 11,113 किसानों के लिए 6.29 करोड़ रुपये.
कोल्हापुर: 5,860 किसानों के लिए 3.18 करोड़ रुपये.
राहत प्रक्रिया में तेजी
मीडया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने बताया कि अब मानव जीवन, पशुपालन और घरों के नुकसान की क्षतिपूर्ति सीधे जिला स्तर पर दी जाएगी. इससे राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की आवश्यकता नहीं होगी और राहत समय पर और प्रभावी तरीके से प्रभावित नागरिकों तक पहुंच सकेगी.
बड़े पैमाने का राहत पैकेज
पिछले सप्ताह, महाराष्ट्र सरकार ने 31,628 करोड़ रुपये का व्यापक राहत पैकेज भी घोषित किया था. इस पैकेज के तहत बाढ़ और बारिश से नुकसान उठाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 47,000 रुपये नगद और 3 लाख रुपये रोजगार सहायता (NREGA के तहत) दी जाएगी.
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि राज्य के 36 जिलों में से 29 जिलों और 358 तालुकों में से 253 तालुके बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित हुए. मॉनसून की शुरुआत में 1.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बोई गई थी, लेकिन बाढ़ ने 68 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट कर दीं और 60,000 हेक्टेयर में मिट्टी कटाव हुआ.