Haryana News: हरियाणा के हिसार जिले में 5 से 8 अक्टूबर के बीच हुई तेज बारिश और आंधी ने खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खासतौर पर धान और कपास की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 1,57,017 एकड़ में धान की फसल को 26 फीसदी से 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है, जबकि 1,88,102 एकड़ में फसल को 0 फीसदी से 25 फीसदी तक का नुकसान पहुंचा है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में किसानों से सरकार से मुआवजे की मांग की है. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल बर्बादी के चलते उन्हें बहुत अधिक आर्थिक हानि हुई है. क्योंकि अगले हफ्ते फसल कटने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही बारिश ने सारी फसल को चौपट कर दी. कहा जा रहा है कि कुल मिलाकर, जिले में करीब 3.42 लाख एकड़ फसल को गंभीर नुकसान हुआ है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में कपास की स्थिति भी चिंताजनक है. पहले ही सितंबर की शुरुआत में हुई बारिश से फसल को नुकसान पहुंचा था और अब दोबारा बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है. रिपोर्ट के अनुसार, 1,85,705 एकड़ कपास की फसल को 26 फीसदी से 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि जिन खेतों में पानी भरने से धान की फसल खराब हुई है, वो नुकसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत नहीं आएगा. यानी किसानों को इसके लिए बीमा राशि नहीं मिलेगी.
कपास की फसल को भारी नुकसान
हालांकि, जिन किसानों की फसल खराब हुई है, वे राज्य सरकार के e-Kshatipurti पोर्टल पर अपनी फसल नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके. कपास की फसल को हुए नुकसान का विवरण बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि लगभग 46,650 एकड़ में फसल को 76-100 फीसदी तक, 78,440 एकड़ में 51-75 फीसदी, और 60,615 एकड़ में 26-50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा, 17,948 एकड़ कपास की फसल को 25 फीसदी से कम नुकसान पहुंचा है.
किसानों को कब मिलेगा मुआवजा
धान की फसल की बात करें तो, 11,000 एकड़ में 76-100 फीसदी नुकसान, 37,900 एकड़ में 51-75 फीसदी और 1,08,117 एकड़ में 26-50 फीसदी तक नुकसान दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि 25 फीसदी से कम नुकसान वाली फसलों के लिए किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाएगा. फिलहाल मूंग और बाजरे (बाजरा) की फसलों की स्थिति का आकलन अभी बाकी है. राजस्व विभाग ने अब तक फसलों के नुकसान का औपचारिक सर्वे शुरू नहीं किया है. कृषि उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि ये आंकड़े अभी सिर्फ प्रारंभिक अनुमान हैं. वास्तविक नुकसान का पता राजस्व विभाग के सर्वे के बाद ही चलेगा.