Madhya Pradesh News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में पहुंचकर किसानों की समस्याओं को लेकर एक समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने किसानों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और सभी संबिधित अधिकारियों को साफ तौर पर ये निर्देश दिए कि वे ये सुनिश्चित करें कि जिले की जनता को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. साथ ही कृषि मंत्री ने रायसेन के बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत की गारंटी भी दी और किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार समय पर खाद उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए.
फसल बीमा क्लेम दिलाने का वादा
अपने रायसेन दौरे के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा कि वे सोयाबीन और अन्य फसलों में हुए नुकसान की क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट कराकर एक रिपोर्ट तैयार कर उन्हें भेजें. उन्होंने किसानों से ये वादा किया जैसे ही नुकसान हुई फसलों का सही आंकलन हो जाएगा, वैसे ही वे खुद किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Kisan Fasal Beema Yojana)और अन्य योजनाओं के तहत बीमा क्लेम दिलाने की जिम्मेदारी लेंगे. बता दें कि, मॉनसून में बाढ़ आने के कारण सोयाबीन किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इन किसानों के लिए कृषि मंत्री का ये वादा किसी बड़ी राहत से कम नहीं है.
बाढ़ पीड़ितों को 1.60 लाख रुपये की मदद
कृषि मंत्री ने समीक्षा बैठक में बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि बाढ़ में जो लोग बेघर हो गए हैं, केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें ग्रामीण विकास योजनाओं और मनरेगा (MNREGA)के तहत 1.60 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दिलाई जाएगी. कृषि मंत्री ने कहा कि उनकी प्राथमिकता ये है कि बाढ़ में जिन लोगों के घर टूट गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द घर मिलें. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आते ही पीड़ितों का मदद की जाएगी.
खाद उपलब्धता पर जोर
रबी सीजन की शरुआत हो चुकी है और खरीफ सीजन के दौरान खाद उपलब्धता में आई दिक्कतों के मद्देनजर कृषि मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को ये सख्त निर्देश दिए हैं कि रबी सीजन में किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों को कतारों में खड़ा न होना पड़े, इसके लिए खाद वितरण का इंतजाम चाक चौबंद होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने द्रीय उर्वरक मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिए कि DAP और अन्य खाद की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में हो और इस बात का खास खयाल रखा जाए कि कहीं भी खाद की कालाबाजारी न हो.