वैज्ञानिकों की सलाह- गेहू्ं, चना, सरसों की बुवाई करने से पहले जरूर करें ये काम, वरना होगा नुकसान

रबी सीजन की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अच्छी पैदावार के लिए किसानों को मिट्टी की नमी और पोषण की जांच जरूर करनी चाहिए. वैज्ञानिकों के अनुसार, सही समय पर बुवाई, मिट्टी परीक्षण और फसल चक्र अपनाने से उत्पादन बढ़ता है और किसानों को बेहतर मुनाफा मिलता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 17 Oct, 2025 | 01:57 PM

Rabi sowing: हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में धान की कटाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही किसान रबी फसल की बुवाई में लग गए हैं. लेकिन कई ऐसे भी किसान हैं, जो पहले रबी सीजन में सब्जियों की खेती करते थे, लेकिन इस बार वे गेहूं, चना, सरसों आदि की बुवाई करने की प्लानिंग कर रहे हैं. ऐसे में इन किसानों के लिए ये खबर बहुत ही जरूरी है. क्योंकि आज हम एक ऐसे देसी तकनीक के बार में बात करने जा रहे हैं, जिस अपनाते ही फसल की पैदावार बढ़ जाएगी. साथ ही किसानों की बंपर कमाई भी होगी.

दरअसल, इस बार बारिश अच्छी हुई है, जिससे खेतों में नमी बनी हुई है. लेकिन जिन खेतों में पानी निकासी  की व्यवस्था नहीं है, वहां पानी जमा होने से बीज सड़ने और अंकुरण कमजोर होने का खतरा है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सरसों, चना, मसूर, मटर और गेहूं जैसी फसलों की बुवाई तभी करें जब मिट्टी में संतुलित नमी हो. उनके मुताबिक, इसलिए किसान बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच जरूर कर लें. ऐसे अगर किसान चाहें, तो खुद से नमी जांच सकते हैं. इसके लिए हाथ में मिट्टी लेकर मुट्ठी बांधें, अगर वह हल्की चिपके लेकिन पानी न टपके, तो नमी सही मानी जाती है. साथ ही, खेत में चलने पर अगर पैरों के निशान बनें, लेकिन मिट्टी जूते में न चिपके, तभी बुवाई करना सही रहेगा. सही समय पर बुवाई करने से फसल अच्छी होगी और मुनाफा भी बढ़ेगा.

 बुवाई से पहले मिट्टी की जांच है जरूरी

कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि जुताई और बुवाई से पहले मिट्टी की जांच  जरूर करानी चाहिए. मिट्टी परीक्षण से यह पता चलता है कि खेत की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और किनकी कमी है. इससे किसान जरूरत के हिसाब से सही मात्रा में खाद और उर्वरक डाल सकते हैं. यह तरीका न सिर्फ फसल की सेहत सुधारता है, बल्कि उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ाता है.

फसल का उत्पादन कई गुना तक बढ़ सकता है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रबी सीजन की बुवाई से पहले फसल चक्र जरूर अपनाना चाहिए. इससे खेत की उपज क्षमता बढ़ती है और फसल का उत्पादन  कई गुना तक बढ़ सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आपने खरीफ सीजन  में किसी खेत में दलहन (जैसे उड़द या मूंग) की फसल ली थी, तो रबी सीजन में उसी खेत में फिर से दलहन न लगाएं. इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और बीमारियों का खतरा भी कम होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार बारिश अच्छी हुई है, इसलिए खेत की स्थिति को समझकर और वैज्ञानिक सलाह के अनुसार बुवाई करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा. थोड़ी सी सावधानी और प्लानिंग से किसान अच्छी पैदावार के साथ अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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Published: 17 Oct, 2025 | 01:56 PM

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