Punjab News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मक्का अब सिर्फ एक फसल नहीं रही, बल्कि यह देश की खाद्य, पोषण, पशु आहार, उद्योग और जैव-ऊर्जा सुरक्षा की मजबूत आधार बन चुकी है. उन्होंने संतोष जताया कि भारत अब कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर है, लेकिन अब जरूरत है कि हम चावल और गेहूं के साथ-साथ मक्का, दलहन और दूसरी फसलों में भी तेज प्रगति करें. उन्होंने कहा कि पिछले साल मक्का उत्पादन में 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कुल उत्पादन 420 लाख टन तक पहुंच गया. इस साल खरीफ सीजन में मक्का की खेती 10 लाख हेक्टेयर और बढ़ी है, जिससे उत्पादन 47 से 500 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मक्का अब एक अहम औद्योगिक फसल बन चुकी है और एथेनॉल उत्पादन में इसका 50 फीसदी योगदान है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ी है और देश ने 1.44 लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल के आयात में बचत की है, जिसमें से 1.25 लाख करोड़ रुपये किसानों को भुगतान के रूप में मिला है. सिर्फ मक्का से किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का सीधा लाभ हुआ है. यह भारत के किसानों को ‘अन्नदाता से इंधनदाता’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार जनकल्याण के लिए लगातार काम कर रही है.
अब इस तरह होगी बीमा की गणना
बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने आईसीएआर- आईआईएमआर, लुधियाना के नए प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला भवन के उद्घाटन के अवसर पर ये बातें कहीं. कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब और बेहतर बनाया गया है. अब बीमा की गणना ब्लॉक स्तर की बजाय सीधे किसान स्तर पर होगी. उन्होंने पंजाब से अपील की कि वह इस योजना में शामिल होकर इसका लाभ किसानों तक पहुंचाए.
किसानों की बढ़ेगी कमाई
वहीं, राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को बहुत महत्व दे रही है. उन्होंने भरोसा जताया कि कृषि अनुसंधान से मिली तकनीक और नए नवाचार किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि मक्का अब हर मौसम और हर क्षेत्र में उगाई जा सकने वाली फसल बनती जा रही है. अब वक्त आ गया है कि भारत मक्का को एक औद्योगिक फसल के रूप में विकसित करे, ताकि हमारी कृषि व्यवस्था ज्यादा टिकाऊ हो और किसानों की आय में स्थायी रूप से बढ़ोतरी हो सके. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि विकेंद्रीकरण की ताकत बहुत अहम है. उन्होंने कहा कि भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान जैसी संस्थाओं का पंजाब जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में होना भारतीय कृषि की बड़ी ताकत बन चुका है. इससे स्थानीय स्तर पर किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है.