बिहार में अंडा, दूध और मांस उत्पादन में बंपर बढ़ोतरी, फिर भी राष्ट्रीय औसत से है कम

बिहार में 2024-25 में दूध, अंडा और मांस उत्पादन में तेज वृद्धि हुई, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है. मत्स्य पालन में भी सुधार हुआ और मछली उत्पादन 9.59 लाख टन तक पहुंचा. हालांकि प्रति व्यक्ति उपलब्धता अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है.

Kisan India
नोएडा | Published: 5 Dec, 2025 | 04:09 PM

Bihar News: बिहार में 2024-25 में दूध, अंडा और मांस के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में अच्छा वृद्धि हुई है. खास बात है कि ये वृद्धि दरें राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा हैं. हालांकि, राज्य में प्रति व्यक्ति इन उत्पादों की उपलब्धता अभी भी देश के औसत से काफी कम है. पशुपालन और मत्स्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एन विजय लक्ष्मी के मुताबिक,  2024-25 के दौरान बिहार में दूध का उत्पादन 4.24 फीसदी बढ़कर 13,397.69 हजार टन, अंडा उत्पादन 9.99 फीसदी बढ़कर 37,838.75 लाख अंडे और मांस उत्पादन 4.03 फीसदी बढ़कर 420.59 हजार टन हो गया. इन बढ़ोतरी की दरें देश के औसत (दूध 3.58 फीसदी, अंडा 4.44 फीसदी, मांस 2.46 फीसदी) से अधिक हैं. विभाग के अनुसार, बिहार अंडा उत्पादन में देश में पहला, दूध में छठा और मांस में नौवां स्थान रखता है.

हालांकि उत्पादन में वृद्धि हुई है फिर भी बिहार में प्रति व्यक्ति उपलब्धता अभी भी कम है. 2024-25 में लोगों को दैनिक 285 ग्राम दूध मिला, जो 2023-24 के 277 ग्राम से बढ़ा, लेकिन यह राष्ट्रीय औसत 485 ग्राम से काफी कम है. इसी तरह, प्रति व्यक्ति अंडा उपलब्धता 29 अंडे प्रति वर्ष रही, जबकि राष्ट्रीय औसत 106 है. मांस की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 3.27 किलोग्राम प्रति वर्ष रही, जो राष्ट्रीय औसत 7.51 किलोग्राम से कम है.

अंडा और मांस उत्पादन के लगभग 95 फीसदी लक्ष्य पूरे

विभाग के अनुसार, बिहार का राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान बढ़ा है. अब राज्य दूध उत्पादन में 5.41 फीसदी, मांस में 4 फीसदी और अंडा उत्पादन में 2.54 फीसदी का हिस्सा रखता है और क्रमशः राज्यों में नौवां, दसवां और ग्यारहवां स्थान है. चौथा कृषि रोडमैप (202328) के तहत, बिहार ने 2024-25 में अपने दूध, अंडा और मांस उत्पादन के लगभग 95 फीसदी लक्ष्य पूरे किए.

मछली की उपलब्धता 9.50 किलोग्राम प्रति वर्ष हुई

बिहार के मत्स्य पालन क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई है. 2024-25 में मछली उत्पादन 9.85 फीसदी बढ़कर 9.59 लाख टन हो गया. मछली के बीज और फिंगरली का उत्पादन क्रमशः 44.46 फीसदी और 24.70 फीसदी बढ़ा. पिछले दस साल में मछली उत्पादन 81.98 फीसदी बढ़ा, जिससे बिहार राष्ट्रीय रैंकिंग में नौवें से चौथे स्थान पर पहुंच गया. प्रति व्यक्ति मछली की उपलब्धता 9.50 किलोग्राम प्रति वर्ष हुई, जबकि 2023-24 में यह 8.73 किलोग्राम थी. देश में प्रति व्यक्ति मछली की खपत लगभग 12 से 13 किलोग्राम है.

पानी की बचत लगभग 90 फीसदी तक होती है

विभाग ने बताया कि उत्पादन में यह बढ़ोतरी वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए तालाबों, जल गुणवत्ता प्रबंधन और एरेशन सिस्टम के विस्तार से संभव हुई है. राज्य ने 764 बायोफ्लॉक यूनिट और 70 RAS यूनिट स्थापित कर गहन मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया है, जिससे पानी की बचत लगभग 90 फीसदी तक होती है. साथ ही, 70 फिश फीड मिल्स की स्थापना या संचालन से फीड की उपलब्धता और उत्पादन दक्षता में सुधार हुआ है.

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