पहाड़ी इलाकों की ठंडी नदियों में ट्राउट मछली पालन किसानों की किस्मत बदल रहा है. सेना तक हो रही सप्लाई से बाजार की चिंता खत्म हो गई है. अब हर महीने लाखों की कमाई संभव है, बस थोड़ी मेहनत चाहिए.
किसानों और मछलीपालकों के लिए अपनी कमाई बढ़ाने की खातिर सही प्रजाति की मछली का पालन करना जरूरी होता है. किसान खेती के साथ मछली पालन करके अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं.
भारत में कुल मक्का उत्पादन 3.6 से 3.7 करोड़ टन के आसपास है. वहीं, इथेनॉल के E20 प्रोग्राम के लिए 90 से 100 लाख टन मक्का की जरूरत होती है. इसके अलावा खाने और स्टार्च इंडस्ट्री के लिए भी मक्का इस्तेमाल होता है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीएसटी में कटौती से किसानों को हर स्तर पर लाभ होगा. दूध, पनीर, घी, जैविक खाद, उर्वरक के कच्चे माल और प्रोसेस्ड फूड पर टैक्स घटाया गया है, जिससे डेरी, खेती और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा.
इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा सीधे मछुआरों और मत्स्य किसानों को होगा. पहले जहां उन्हें उपकरण और रसायनों पर ज्यादा खर्च करना पड़ता था, अब वह लागत कम हो जाएगी. इसका सीधा असर उनकी आय पर पड़ेगा.
मछली पालन के साथ बत्तख पालन करने से किसानों का खर्च 60 फीसदी तक घट सकता है और मुनाफा तीन गुना बढ़ सकता है. एक तालाब से लाखों की कमाई संभव है. यह तरीका किसानों के लिए बेहद लाभदायक है.