प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 124वें एपिसोड में देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कृषि और साफ-सफाई से जुड़ीं कई पहलुओं पर अपनी बातें रखीं. इस दौरान पीएम मोदी ने झारखंड के रहने वाले ओमप्रकाश साहू नाम के एक युवक का जिक्र किया, जो अब हिंसा का रास्ता छोड़कर मछली पालन पालन कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि ओमप्रकाश साहू ने मुख्य धारा से जुड़ने के बाद अपने साथियों को भी इसके लिए प्रेरित किया. उनके इस प्रयास का असर भी हुआ. जो पहले बंदूक थामे हुए थे, अब मछली पकड़ने वाला जाल थाम चुके हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि कभी झारखंड के गुमला जिले के बासिया ब्लॉक के गांव वीरान रहते थे. लोग डर के साये में जीते थे. रोजगार की कोई संभावना नजर नहीं आती थी, जमीनें खाली पड़ी थीं और नौजवान पलायन कर रहे थे. लेकिन फिर बदलाव की एक बहुत ही शांत और धैर्य से भरी हुई शुरुआत हुई. अब मछली पालन से लोगों की जिन्दगी बदल रही है. वहीं, पीएम मोदी ने असम के काजीरंगा नेशनल पार्क का जिक्र करते हुए कहा कि ये इलाका अपने गैंडों के लिए मशहूर है. लेकिन इस बार चर्चा का विषय बना है, यहां के घास के मैदान और उनमें रहने वाली चिड़ियां. पीएम ने कहा कि यहां पहली बार Grassland Bird Census हुआ है. आप जानकर खुश होंगे इस Census की वजह से पक्षियों की 40 से ज्यादा प्रजातियों की पहचान हुई है.
ओमप्रकाश साहू जी नाम के एक युवक ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। उन्होंने मछली पालन शुरू किया।
फिर अपने जैसे कई साथियों को भी इसके लिए प्रेरित किया। उनके इस प्रयास का असर भी हुआ।
जो पहले बंदूक थामे हुए थे, अब मछली पकड़ने वाला जाल थाम चुके हैं।
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— BJP (@BJP4India) July 27, 2025
जंगल और पर्यावरण की रक्षा जरूरी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ओडिशा के क्योंझर जिले में राधाकृष्ण संकीर्तन मंडली नाम की एक टोली है. भक्ति के साथ-साथ, ये टोली आज पर्यावरण संरक्षण का भी मंत्र जप रही है. इस पहल की प्रेरणा हैं, प्रमिला प्रधान जी. पीएम मोदी ने कहा कि जंगल और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्होंने पारंपरिक गीतों में नए बोल जोड़े, नए संदेश जोड़े. उनकी टोली गांव-गांव गई. गीतों के माध्यम से लोगों को समझाया कि जंगल में लगने वाली आग से कितना नुकसान होता है.
लखनऊ की गोमती नदी team का भी जिक्र किया
वहीं, पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान लखनऊ की गोमती नदी team का जिक्र भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि 10 साल से हर रविवार, बिना थके, बिना रुके इस team के लोग स्वच्छता के काम में जुटे हैं. जबकि, छत्तीसगढ़ के बिल्हा का उदाहरण भी शानदार है. यहां महिलाओं को waste management की training दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली. पीएम मोदी ने कहा कि गोवा के पणजी शहर का उदाहरण भी प्रेरक है. वहां कचरे को 16 category में बांटा जाता है और इसका नेतृत्व भी महिलाएं कर रही हैं. पणजी को तो राष्ट्रपति पुरुस्कार भी मिला है.