हाल ही में लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर की मौजूदगी में भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) साइन किया गया. इस समझौते से भारत के बासमती चावल के निर्यात को खासतौर पर पंजाब के किसानों और एग्री-एक्सपोर्ट सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है. अब ब्राउन राइस पर कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है, जिससे भारतीय निर्यातकों को उम्मीद है कि यूके को बासमती चावल का निर्यात जल्द ही 1.85 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2.5 लाख मीट्रिक टन सालाना तक पहुंच जाएगा. फिलहाल, यूके हर साल करीब 3 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल आयात करता है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यातकों का मानना है कि इस समझौते से अब भारत और पाकिस्तान के बीच बराबरी की स्थिति बन गई है. पहले भारत को टैरिफ में नुकसान होता था, जिससे पाकिस्तान को फायदा मिलता था. बासमती राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस-प्रेसिडेंट रंजीत सिंह जोसन ने कहा कि यह समझौता भारत के लिए बड़ा मौके लेकर आया है. अब तक यूके के बासमती बाजार में भारत की हिस्सेदारी 55 फीसदी और पाकिस्तान की 44 फीसदी थी, जिसकी वजह उनके चावल में कम कीटनाशक स्तर और पारंपरिक पहचान थी.
पाकिस्तान ने 1.09 लाख टन चावल यूके को भेजा
रंजीत सिंह जोसन ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत से यूके को बासमती चावल का निर्यात लगातार बढ़ा है. 2021-22 में 1.29 लाख मीट्रिक टन, 2022-23 में 1.43 लाख मीट्रिक टन और 2023-24 में यह बढ़कर 1.85 लाख मीट्रिक टन हो गया. इसके मुकाबले पाकिस्तान ने इसी अवधि में करीब 1.09 लाख मीट्रिक टन चावल यूके को भेजा. जोसन ने कहा कि यह समझौता सभी GI टैग वाली बासमती किस्मों को कवर करता है, जिनमें पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में उगाई जाने वाली लोकप्रिय किस्में 1121 और पुसा 1401 भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह समझौता न सिर्फ निर्यात को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की पारंपरिक बासमती किस्मों को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाएग.
पंजाब में बासमती चावल की खेती
पंजाब, जो देश का सबसे बड़ा बासमती उत्पादक राज्य है, कुल उत्पादन में लगभग 40 फीसदी का योगदान देता है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार, 2022 में भारत के 48,000 करोड़ रुपये के बासमती निर्यात में पंजाब की अहम भूमिका रही. ऐसे में उम्मीद है कि भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते से सबसे ज्यादा फायदा पंजाब को ही होगा.
कृषि और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बड़ा फायदा मिलेगा
यूके अब यूरोप के अन्य बाजारों तक ट्रांजिट एक्सपोर्ट के लिए एक अहम गेटवे की तरह काम करेगा, जहां अब भारतीय निर्यातक यूरोपीय यूनियन (EU) के देशों के बराबर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे. जोसन का कहना है कि ड्यूटी हटने से भारत के कृषि और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बड़ा फायदा मिलेगा. इससे MSMEs को संजीवनी मिलेगी, किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
भारत में कीटनाशकों का इस्तेमाल चिंता का विषय
इस व्यापार समझौते को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. लेकिन भारतीय बासमती में कीटनाशक अवशेष (पेस्टीसाइड रेजिड्यू) को लेकर चिंता अभी भी बनी हुई है. हालांकि, इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले तीन सालों में पंजाब सरकार ने कई हानिकारक कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाया है. हरियाणा में भी सुधार हो रहा है. किसानों में जागरूकता बढ़ी है और क्वालिटी में लगातार सुधार हो रहा है. हालांकि माहौल सकारात्मक है, लेकिन निर्यातकों ने इस बात पर निराशा जताई है कि सेमी-मिल्ड या पूरी तरह मिल्ड चावल (HSN कोड 1006:30) को ड्यूटी-फ्री लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. जोसन ने कहा कि हमारी यह मांग काफी समय से थी. इसे शामिल न करने से इस कैटेगरी का निर्यात सीमित ही रहेगा. एक बड़ा मौका हाथ से निकल गया.
95 फीसदी कृषि उत्पाद पर नही लगेगी ड्यूटी
भारत-ब्रिटेन CETA समझौते के तहत अब भारत के करीब 95 फीसदी कृषि उत्पाद जैसे बासमती चावल, मोटे अनाज, कपास, मूंगफली, फल, सब्जियां, प्याज, मसाले, अचार, चाय और कॉफी यूके को ड्यूटी-फ्री निर्यात किए जा सकेंगे. इस समझौते में शामिल कुल वस्तुओं के मूल्य में कृषि और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का योगदान क्रमशः 14.8 फीसदी और 10.6 फीसदी है.
59.42 लाख टन बासमती चावल निर्यात
वित्त वर्ष 2023- 24 में भारत ने 59.42 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया, जिसमें प्रमुख खरीदार देश सऊदी अरब (11 लाख टन), इराक (8 लाख टन), ईरान (7 लाख टन), यमन और अमेरिका (तीनों 3 लाख टन के आसपास) थे. अब जब टैरिफ बाधाएं कम हो रही हैं और नीति स्तर पर समर्थन मिल रहा है, तो भारतीय निर्यातकों को उम्मीद है कि भारत की पहचान यूके जैसे प्रीमियम बाजारों में और मजबूत होगी. और इससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी वैश्विक मंच पर मजबूती मिलेगी.
खबर से संबंधित फैक्ट्स फाइल
- भारत ने वित्त वर्ष 2023- 24 में 59.42 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया
- सबसे बड़ा खरीदार सऊदी अरब ने 11 लाख टन बासमती खरीदा
- भारत के करीब 95 फीसदी कृषि उत्पादों पर नहीं लेगेगी ड्यूटी
- 2022 में भारत ने 48,000 करोड़ रुपये के बासमती का निर्यात किया
- पंजाब देश के कुल बासमती उत्पादन में लगभग 40 फीसदी का योगदान देता है