धान में फैली खतरनाक बीमारी, रुक जाता है पौधों का विकास.. किसान दोबारा कर रहे बुवाई

कुछ गांवों में किसान प्रभावित पौधो को उखाड़कर दोबारा रोपाई कर रहे हैं. रोपड़ में करीब 100 एकड़ और पटियाला जिले के गांवों में लगभग 300 एकड़ में धान की फसल इस वायरस से प्रभावित हुई है.

Kisan India
नोएडा | Published: 27 Jul, 2025 | 09:18 AM

Paddy cultivation: पंजाब के छह जिलों के धान किसान एक बार फिर उस खतरनाक वायरस से जूझ रहे हैं, जो फसल की बढ़त रोक देता है और पैदावार पर असर डालता है. लगातार तीसरे साल यह वायरस खड़ी फसल पर हमला कर चुका है. इस वायरस को ‘सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस’ भी कहा जाता है. इसकी मौजूदगी रूपनगर (रोपड़), नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, संगरूर और मोहाली जिले के धान के खेतों में देखी गई है. चूंकि धान की रोपाई अभी हाल ही में पूरी हुई है, इसलिए किसानों को ज्यादा नुकसान की संभावना है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के कुछ गांवों में किसान प्रभावित पौधो को उखाड़कर दोबारा रोपाई कर रहे हैं. रोपड़ में करीब 100 एकड़ और पटियाला जिले के गांवों में लगभग 300 एकड़ में धान की फसल इस वायरस से प्रभावित बताई जा रही है. माना जा रहा है कि इस बार वायरस का सबसे ज्यादा असर धान की PR 131 किस्म पर पड़ा है. इस वायरस से संक्रमित पौधे सामान्य आकार के मुकाबले सिर्फ एक-तिहाई ही बढ़ पाते हैं और उनकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं. इससे फसल को समय से पहले सूखने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.

किसानों के लिए बढ़ जाएगा खेती का खर्च

हालांकि, राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह संक्रमण बहुत कम क्षेत्र में फैला है, लेकिन किसान काफी चिंतित हैं और फसल पर नजर बनाए हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह वायरस ‘व्हाइट बैक्ड प्लांट हॉपर’ नामक कीट के जरिए फैलता है और इसकी रोकथाम के लिए प्रयास जारी है. लेकिन किसानों को कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा, जो प्रति एकड़ करीब 1,500 रुपये तक हो सकता है. अगर किसान को खेत दोबारा जोतकर फिर से रोपाई करनी पड़ी, तो उसकी लागत कई गुना बढ़ जाएगी.

अधिकारियों को दी जा रही जाानकारी

अधिकारियों का कहना है कि हम सभी कृषि अधिकारियों के लिए ऑनलाइन वर्कशॉप कर रहे हैं और उन्हें PAU (पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी) द्वारा सुझाए गए उपाय और कीटनाशकों के सही इस्तेमाल की जानकारी दी जा रही है. कृषि मंत्री गुरमीत खुड्डियां ने शुक्रवार को रूपनगर जिले के मारोलीकलां, ककराली और पपराली गांवों का दौरा किया, ताकि वहां की स्थिति का जायजा लिया जा सके. उन्होंने किसानों से बातचीत भी की और उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश की.

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