बिहार में खुलेंगे 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर, सरकार देगी 40 फीसदी सब्सिडी

बिहार सरकार द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ केवल किसानों को ही नहीं बल्कि जीविका समूह, ग्राम संगठन, एफपीओ, एफआईजी, स्व सहायता समूह, पैक्स और क्लस्टर फेडरेशन जैसी संस्थाओं को भी मिलेगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 26 Jul, 2025 | 10:27 PM

आज के आधुनिक समय में सरकार की तरफ से किसानों को भी आधुनिक खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके लिए किसानों को आधुनिक मशीनों के इ्स्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग भी दी जाती है. आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल से न केवल फसल की क्वालिटी में सुधार आता है, बल्कि किसानों की लागत में और मेहनत में भी कमी आती है. इसी कड़ी में अब बिहार सरकार खेती में आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने जा रही है, जिसके लिए प्रदेश सरकार कुल लागत का 40 फीसदी खर्च देगी. बता दें कि इस योजना का लाभ प्रदेश के सभी जिलों को मिलेगा.

40 फीसदी खर्च उठाएगी सरकार

बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में कुल 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे. इन सेंटरों को खोलने में कुल लागत लगभग 10 लाख रुपये तक आएगी, जिसे सरकार द्वारा तय किया गया है.  बता दें कि सरकार कस्टम हायरिंग सेंटर में 35 BHP या उससे ऊपर के ट्रैक्टर पर ज्यादा से ज्यादा 1 लाख 60 हजार की मदद और अन्य मशीनों पर 40 फीसदी या अधिकतम 4 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी.

इन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ

बिहार सरकार द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ केवल किसानों को ही नहीं बल्कि जीविका समूह, ग्राम संगठन, एफपीओ, एफआईजी, स्व सहायता समूह, पैक्स और क्लस्टर फेडरेशन जैसी संस्थाओं को भी मिलेगा. सरकार की इस पहल से न केवल आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को अपनी जरूरत के अनुसार सही समय पर कम किराए पर सही मशीन उपलब्ध हो सकेगी. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. बता दें कि कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन करने के इच्छुक लाभार्थी 25 जुलाई 2025 से बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट farmtech.bihar.gov. in पर आवेदन कर सकते हैं

CHC में मिलने वाली मशीनें

कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की शर्त के अनुसार सीएचसी में किसानों को कई तरह की मशीनें आसानी से उपलब्ध होंगी . इनमें बुवाई के लिए सीड ड्रिल, जीरो टिल मशीन, प्लांटर मशीनें, सिंचाई के लिए पंप सेट और पाइप लाइन, फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर और रीपर बाइंडर, फसल की निराई-गुड़ाई के लिए रोटावेटर और पावर वीडर, उर्वरकों के छिड़काव के लिए बूम स्प्रेयर और बैकपैक स्प्रेयर मशीनें, खेती से पहले जमीन की तैयारी के लिए कल्टीवेटर, डिस्क हल और लेजर लैंड लेवलर जैसी मशीनें शामिल हैं.

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Published: 26 Jul, 2025 | 10:26 PM

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