Agriculture News: IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघाणी ने कहा कि अगर हम वैज्ञानिक न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट, नैनो फर्टिलाइजर, ऑर्गेनिक खाद और किसानों के प्रशिक्षण पर ध्यान दें, तो भारत की कृषि GDP तीन गुना तक बढ़ सकती है. उनके मुताबिक, यह किसानों की मेहनत, अच्छी नीतियों, सहकारी संस्थाओं और वैज्ञानिक नवाचार मेल से हासिल किया जा सकता है. इस दौरान उन्होंने देश की खुशहाली और विकास के लिए सामूहिक प्रयास की अपील की. दरअसल, दिलीप संघाणी ने ये बातें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित PHDCCI के एग्री बिजनेस समिट 2025 कहीं.
वहीं, कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्यान मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब कृषि क्षेत्र में बड़े बदलावों की जरूरत है और इसके लिए सरकार देशभर में व्यापक चर्चा शुरू करने जा रही है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय को कृषि भवन से निकालकर किसानों के खेतों तक ले जाने का समय आ गया है और इसके लिए वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स और उद्योग जगत से सुझाव मांगे. मंत्री ने किसान और उपभोक्ता के बीच बड़ी कीमत का फासला कम करने पर जोर दिया.
क्या बोले शिवराज सिंह चौहान
उन्होंने कहा कि किसान अपना उत्पाद बहुत सस्ते में बेचते हैं, लेकिन उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते वही चीज महंगी हो जाती है. इस अंतर को सीमित करना होगा ताकि दोनों को फायदा मिले. उन्होंने घटिया कीटनाशकों और नकली खादों पर भी चिंता जताई और कहा कि यह किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे किसानों को गुणवत्तापूर्ण इनपुट उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभाएं. MSP से आगे बढ़ते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने बागवानी फसलों के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) का दायरा बढ़ाया है. अब अगर बाजार में कीमत तय सीमा से नीचे जाती है, तो सरकार मॉडल रेट और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजेगी.
PHDCCI एग्री बिजनेस समिट में इन लोगों ने लिया हिस्सा
वहीं, एक पोस्ट में दिलीप संघाणी ने लिखा कि उन्होंने PHDCCI के एग्री बिजनेस समिट में हिस्सा लिया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. कार्यक्रम में PHDCCI कृषि समिति के चेयरमैन आर. जी. अग्रवाल, CEO डॉ. रंजीत मेहता, नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद, एन. एन. गुप्ता, धनुका समूह के महेंद्र और राहुल धनुका, और गुजरात BJP युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मनीष संघानी सहित कई लोग उपस्थित थे.
संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया
साथ ही कार्यक्रम में APEDA के सचिव डॉ. सुधांशु, वेर्डेसियन के एमडी आर. के. गोयल, NAFED के निदेशक अशोक ठाकुर और PHDCCI व उद्योग जगत के कई वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद थे. समिट के अंत में उद्योग, सहकारी संस्थाओं और नीति-निर्माताओं ने मिलकर कृषि नवाचार को बढ़ाने और किसानों को उचित कीमत दिलाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया.