लाल मिर्च की कीमतों में भारी गिरावट, आंध्र प्रदेश के किसानों की मदद करेगी सरकार

आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की कीमतें पिछले साल 28,000 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर चालू सीजन में 7,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम हो गई हैं. इसके बाद ही केंद्र सरकार ने किसानों को मदद देने के लिए कदम उठाया.

Kisan India
Noida | Updated On: 12 Mar, 2025 | 12:51 PM

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केंद्र आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. साथ ही इस संबंध में जल्द ही फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राज्य के किसानों को बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत मदद मुहैया कर सकता है. गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कीमतों में गिरावट के मद्देनजर केंद्र से एमआईएस के तहत लाल मिर्च किसानों की मदद करने का आग्रह किया था. नायडू ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चौहान के साथ चर्चा की.

किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद

एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में चौहान ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार एमआईएस के तहत आर्थिक मदद मुहैया कराएगी. साथ ही इसके लिए तौर-तरीके तय किए जा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लाल मिर्च के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास कर रही है. बयान के अनुसार कृषि मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मिर्च किसानों की समस्याओं पर विचार करने के लिए एक बैठक की.

खेतों का दौरा करेगी टीम

चौहान ने आईसीएआर को आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की उत्पादन लागत की समीक्षा करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इससे केंद्र को 2024-25 सीजन के लिए मिर्च किसानों को एमआईएस के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी. यह भी फैसला किया गया है कि आईसीएआर आंध्र प्रदेश में मिर्च के खेतों का दौरा करने के लिए एक विशेषज्ञ टीम भेजेगा ताकि कीट संक्रमण के कारण फसल को हुए नुकसान का अध्ययन किया जा सके और प्रभावी एकीकृत कीट प्रबंधन उपायों का सुझाव दिया जा सके.

तेजी से गिरी कीमतें

आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की कीमतें पिछले साल 28,000 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर चालू सीजन में 7,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम हो गई हैं. इसके बाद ही केंद्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाया. आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पहले किसानों को उच्च अंतरराष्‍ट्रीय मांग की वजह से बेहतर कीमत मिलती थी. लेकिन मौजूदा बाजार मंदी के कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि पहले किसानों को उच्च मांग के कारण बेहतर मूल्य मिलते थे, लेकिन बाजार में मंदी के कारण अब गिरावट आई है.

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Published: 12 Mar, 2025 | 12:49 PM

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