देश में परंपरागत तरीके से धान की रोपाई करना किसानों के लिए काफी मेहनत और समय लेने वाला कार्य होता है. इसमें अधिक श्रमिकों की जरूरत पड़ती है और लागत भी बढ़ जाती है. लेकिन आधुनिक तकनीक के आने से अब धान की रोपाई आसान और तेज हो गई है. ऐसे में राइस ट्रांसप्लांटर नाम की यह मशीन खेती में एक नई क्रांति साबित हो रही है, जो किसानों का श्रम कम कर रही है और उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है. ट्रांसप्लांटर की मदद से किसान तेजी और आसानी से धान की रोपाई कर सकते हैं. धान की खेती कर रहे किसान को चाहिए की वे ट्रांसप्लांटर के विषय में पूरी जानकारी हासिल कर लें.
ट्रांसप्लांटर एक उपयोगी मशीन
राइस ट्रांसप्लांटर एक आधुनिक कृषि मशीन है जिसका उपयोग धान की पौध को नर्सरी से उठाकर खेत में लगाने के लिए किया जाता है. पहले यह काम किसान हाथ से करते थे, जिससे न केवल समय अधिक लगता था बल्कि श्रमिकों पर भी काफी निर्भरता रहती थी. इस मशीन से धान की पौधियां समान दूरी और गहराई पर लगाई जाती हैं, जिससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और फसल की पैदावार बढ़ जाती है. राइस ट्रांसप्लांटर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कम समय में बड़े खेतों में रोपाई कर देता है, जिससे श्रम और लागत दोनों की बचत होती है. इसके अलावा, यह मशीन पौधों को सीधी कतारों में लगाती है, जिससे खेत की देखभाल करना आसान हो जाता है और खरपतवार निकालने तथा खाद-पानी देने का काम भी बेहतर तरीके से हो पाता है.
मार्केट में उपलब्ध हैं विभिन्न प्रकार के ट्रांसप्लांटर
भारत में राइस ट्रांसप्लांटर कई प्रकार के उपलब्ध हैं. इन्हें मुख्य रूप से मैनुअल, वॉकिंग टाइप (हाथ से चलने वाले) और सेल्फ-प्रोपेल्ड (स्वचालित) ट्रांसप्लांटर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. मैनुअल राइस ट्रांसप्लांटर छोटे किसानों के लिए उपयुक्त होता है, इसमें श्रम की थोड़ी जरूरत होती है लेकिन यह किफायती होता है. वॉकिंग टाइप राइस ट्रांसप्लांटर ट्रैक्टर या इंजन से चलते हैं और मध्यम आकार के खेतों में उपयोगी हैं. वहीं, सेल्फ-प्रोपेल्ड राइस ट्रांसप्लांटर सबसे आधुनिक और तेज मशीन है, जो खुद ही खेत में चलकर रोपाई करता है. यह बड़े किसानों और कमर्शियल खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है.
ब्रांड और क्षमता के अनुसार होती है कीमत
कीमत की बात करें तो राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत उसके प्रकार और क्षमता के अनुसार अलग-अलग होती है. मैनुअल राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत लगभग 15 हजार से 30 हजार रुपये तक होती है. वॉकिंग टाइप राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक हो सकती है. वहीं, सेल्फ-प्रोपेल्ड या ऑटोमैटिक राइस ट्रांसप्लांटर की कीमत 5 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक जाती है. कीमत में अंतर मशीन की गुणवत्ता, ब्रांड और तकनीक पर निर्भर करता है.