डेयरी सेक्टर पर टिकी है फूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री , 2.35 लाख गांवों के 1.7 करोड़ किसानों का योगदान

एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि फूड एंड बेवरेज में डेयरी सेक्टर का 25 फीसदी का योगदान है. भारत दुनिया के एक-चौथाई दूध का उत्पादन करता है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 21 Aug, 2025 | 03:28 PM

फूड प्रॉसेसिंग बिजनेस में डेयरी सेक्टर सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग बन गया है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि भारत के फूड एंड बेवरेज सेक्टर में डेयरी का योगदान 25 फीसदी है. देश का फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर आने वाले वर्षों में सबसे तेज़ी से बढ़ते उद्योगों में से एक होने वाला है, क्योंकि सरकार फूड एंड बेवरेज इस सेक्टर में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे रही है.

भारत का फूड प्रॉसेसिंग और सामग्री क्षेत्र 8.8 फीसदी CAGR से बढ़ रहा है. ऐसे में यह सेक्टर 2030 तक दोगुना होने का अनुमान है. इसके अलावा फूडटेक 14 फीसदी CAGR के साथ वैश्विक मानकों से आगे निकल रहा है. भारत में फूड प्रॉसेसिंग इंस्ट्रूमेंट मार्केट 2033 तक 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसके साथ ही पैकेजिंग मशीनरी बिजनेस 2030 तक 6.6 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा.

तेजी से बढ़ फूड एंड बेवरेज कारोबार

अनुगा फ़ूडटेक इंडिया और अनुगा सेलेक्ट इंडिया 2025 के समारोह में सऊदी अरब के शाही दूतावास के प्रभारी अहमद अल अहमरी समेत कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के कार्यकारी निदेशक (ईडी) सीतारामन रघुपति ने कहा कि भारत का खाद्य और पेय क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जिसे 180 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि, 75 लाख करोड़ रुपये के खाद्य प्रसंस्करण और उपभोक्ता खर्च के 40 फीसदी से अधिक के फूड कॉस्ट का सपोर्ट है.

2.35 लाख गांवों की मदद से बढ़ रहा डेयरी सेक्टर

एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि फूड एंड बेवरेज में डेयरी सेक्टर का 25 फीसदी का योगदान है. भारत दुनिया के एक-चौथाई दूध का उत्पादन करता है, जिसकी मार्केट वैल्यू 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर में 2,35,000 गांवों के 1.7 करोड़ किसान जुटे हुए हैं और इनमें 35 फीसदी महिलाएं हैं.

डेयरी समितियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 200 करोड़ का योगदान

सीतारामन रघुपति ने कहा कि डेयरी सहकारी समितियां उपभोक्ता के रुपये का 75 फीसदी वापस करती हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये का योगदान होता है. श्वेत क्रांति 2.0 का टारगेट 2028-29 तक 75,000 नई दुग्ध सहकारी समितियां स्थापित करना है. इससे डेयरी सेक्टर के और तेजी से ग्रोथ करने की संभावना है.

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Published: 21 Aug, 2025 | 03:25 PM

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