Milk Production : सर्दियों की ठिठुरन सिर्फ इंसानों को नहीं परेशान करती, बल्कि गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं पर इसका सीधा असर पड़ता है. तापमान नीचे गिरते ही दूध उत्पादन तेजी से कम होने लगता है. आमतौर पर नवंबर से जनवरी के बीच दूध में 15-20 फीसदी तक की गिरावट देखी जाती है. लेकिन अच्छी बात यह है कि थोड़े से बदलाव और सही आहार देकर इस कमी को आसानी से रोका जा सकता है. गांवों में कहा जाता है- पशु सर्दी में बोल नहीं पाता, लेकिन शरीर कमजोर होने से दूध खुद बता देता है. इसी सोच के साथ विशेषज्ञों ने कुछ ऐसी चीजें बताई हैं जिन्हें गुड़ में मिलाकर नियमित खिलाया जाए तो पशु पूरे मौसम भर फिट रहते हैं और दूध भी घटता नहीं.
सर्दियों में क्यों घट जाता है दूध?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठंड के मौसम में पशुओं का शरीर खुद को गर्म रखने में ज्यादा ऊर्जा इस्तेमाल करता है. जब यह अतिरिक्त ऊर्जा आहार से नहीं मिलती, तो शरीर दूध बनाना कम कर देता है. कई पशुपालक सर्दी में सिर्फ सूखा चारा या एक जैसा भोजन देते रहते हैं, जिसके कारण पशुओं को प्रोटीन, ऊर्जा, कैल्शियम और मिनरल की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती. यह कमी उनके शरीर को धीरे-धीरे कमजोर बनाती है और दूध की मात्रा लगातार घटती जाती है. इसलिए सर्दियों में आहार को सामान्य दिनों जैसा रखना काफी नहीं होता-उसे थोड़ा ज्यादा पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर बनाना पड़ता है.
गुड़ वाला खास मिश्रण-सर्दियों का सुपर फूड
सर्दियों में कुछ चीजें होती हैं, जो शरीर को अंदर से गर्म करती हैं और तेज ऊर्जा देकर दूध उत्पादन को बनाए रखने में मदद करती हैं. इनमें से सबसे असरदार है गुड़. जब गुड़ में चने का बेसन, सरसों की खली और अलसी का केक मिलाया जाता है, तो यह मिश्रण जानवरों के लिए एक तरह का “एनर्जी बूस्टर” बन जाता है.
यह मिश्रण-
- शरीर को भीतर से गर्म रखता है
- ऊर्जा की कमी पूरी करता है
- दूध बनने की क्षमता बढ़ाता है
हरे चारे में बरसीम सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन इसे गीला नहीं बल्कि 4-5 घंटे सुखाकर ही खिलाना चाहिए. ऐसा करने से पेट फूलने या अपच जैसी परेशानी नहीं होती. इसके साथ रोजाना कैल्शियम और मिनरल मिक्सचर देना बिल्कुल न भूलें, क्योंकि यही दो चीजें सर्दियों में सबसे जल्दी कम होने लगती हैं.
किस तरह खिलाएं ताकि ज्यादा फायदा मिले?
इस खास मिश्रण को दिन में एक बार चारे के साथ मिलाकर दिया जा सकता है. जरूरत के हिसाब से गुड़ और बेसन की मात्रा थोड़ी बढ़ाई भी जा सकती है. सूखे चारे के साथ यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है. कुछ पशुपालक इसे हल्का गुनगुना पानी मिलाकर खिलाते हैं, जिससे यह आसानी से पच जाता है. सर्दी में पाचन धीमा पड़ जाता है, इसलिए यह तरीका भी काफी लाभदायक है. अगर पशु दूध दे रहा है, तो उसकी आहार में थोड़ी मात्रा बढ़ाने से असर जल्दी दिखने लगता है. यह मिश्रण दूध की क्वालिटी और मात्रा दोनों को बनाए रखता है.
ठंड से बचाव क्यों जरूरी है?
सिर्फ अच्छा आहार ही काफी नहीं है. सर्दियों में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बछड़ों को होता है. ठंड लगने से वे निमोनिया और संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. इसलिए बाड़े में पर्याप्त गर्माहट रखना जरूरी है.
- पुराने बोरे या जूट की थैली से देसी स्वेटर बनाकर छोटे बछड़ों को पहनाया जा सकता है.
- सुबह हल्की धूप दिखाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
- समय-समय पर डीवॉर्मिंग कराना भी जरूरी है, वरना आहार का असर पूरा नहीं मिलता.
- जमीन की ठंड से बचाने के लिए बाड़े में धान की पराली या सूखी घास बिछाना बेहद लाभदायक होता है.
इस उपाय से दूध नहीं घटेगा, बल्कि बढ़ेगा
अगर पशुपालक इन सरल उपायों को सर्दियों में रोजाना अपनाएं, तो न केवल दूध घटने से रुकेगा बल्कि कई पशुओं में दूध बढ़ते भी देखा गया है. ऊर्जा से भरपूर आहार + गुड़ वाला मिश्रण + गर्माहट- ये तीन चीजें सर्दियों में पशु को पूरी तरह स्वस्थ बनाकर रखती हैं. पशु मजबूत, एक्टिव और भूख अच्छे से लगने लगता है, जिससे दूध की मात्रा भी स्थिर रहती है. यानी थोड़ी सी देखभाल और पौष्टिक भोजन से ठंड में भी पशुओं की सेहत और कमाई दोनों सुरक्षित रहती हैं.