पशु के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, दूध घटने और सेहत बिगड़ने का डर

गाय-भैंस जैसे पशुओं में जूं और किलनी की समस्या आम है. लेकिन अगर समय रहते इलाज न हो तो ये दुध उत्पादन को घटा दे सकती है और पशु की सेहत भी बिगड़ सकती है.

नोएडा | Updated On: 27 Jun, 2025 | 05:07 PM

अगर आपके पशु अचानक कम दूध देने लगे, खुजली करने लगे या बाल झड़ने लगें तो सतर्क हो जाइए. ये सामान्य लक्षण नहीं बल्कि जूं और किलनी जैसे खतरनाक परजीवी संक्रमण के संकेत हो सकते हैं. अगर समय रहते इनका इलाज न किया जाए तो इससे सिर्फ दूध उत्पादन ही नहीं घटता, बल्कि पशु की जान भी खतरे में पड़ सकती है.

लगातार खुजली से दूध में गिरावट

जूं और किलनी जैसे कीड़े गाय और भैंस की त्वचा पर रहते हैं और उनका खून चूसते हैं. एक्सपर्ट की माने तो इससे पशु बेचैन होने लगता है और लगातार खुजली करता है. जब यह समस्या बढ़ती है तो पशु की भूख कम हो जाती है, वह तनाव में रहने लगता है और दूध देने की क्षमता तेजी से गिर जाती है. इतना ही नहीं, कभी-कभी पशु चारे और पानी में भी रुचि नहीं दिखाता.

त्वचा और बालों को पहुंचता है नुकसान

जूं और किलनी के हमले से पशु की चमड़ी लाल हो जाती है, उस पर घाव होने लगते हैं और बाल झड़ने लगते हैं. यह स्थिति तब और बिगड़ती है जब पशु की साफ-सफाई ठीक से नहीं होती. गंदे और नमी वाले शेड इन परजीवियों के पनपने की सबसे बड़ी वजह होते हैं. ऐसे में यदि पशुपालक नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं करते तो इनका संक्रमण पूरे पशुशाला में फैल सकता है.

सफाई से मिलेगी शुरुआती राहत

जैसे ही पशु में खुजली या अन्य लक्षण दिखें, तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें. इसके अलावा, नीम के पत्तों का उबला पानी, नीम तेल या फिटकरी के पानी से नहलाकर प्राथमिक राहत दे सकते हैं. लेकिन अगर संक्रमण ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. ध्यान रखें, इलाज के साथ-साथ पशु के शेड की सफाई और धूप में सुखाना भी जरूरी है.

साफ-सफाई है सबसे जरूरी हथियार

इस संक्रमण से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है साफ-सफाई. ध्यान दें कि पशु के रहने की जगह को हर रोज साफ करें, गीली और गंदी जगह न बनने दें. इसके अलावा, समय-समय पर पशु को धूप दिखाएं और उसकी चमड़ी की जांच करें.

Published: 27 Jun, 2025 | 05:20 PM