बिहार में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव, किसानों को मिलेगा नया प्रशिक्षण

बिहार सरकार ने कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग और ड्रोन तकनीक से फसलों को कीट-व्याधियों से बचाने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं. किसानों को प्रशिक्षण देकर उनकी आय बढ़ाने और कृषि को आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 14 Jun, 2025 | 03:45 PM

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए पौधा संरक्षण योजनाओं के तहत लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि कीट रोग और खरपतवार जैसे जैविक कारकों की वजह से हर साल किसानों की फसल का औसतन 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान हो जाता है. इस नुकसान को कम करने के लिए कीटनाशकों का सुरक्षित और समझदारी से उपयोग जरूरी है.

49 कीटनाशकों को पूरी तरह से प्रतिबंधित

डिप्टी सीएम ने बताया कि भारत सरकार के वनस्पति संग्रहण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय द्वारा कीटनाशकों की सूची जारी की जाती है, जिसमें यह बताया जाता है कि कौन-से रसायन उपयोग योग्य हैं और किन पर रोक लगी है. अब तक 49 कीटनाशकों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, जिनमें कार्बारिल, डाईक्लोरोभॉस, फेनथियॉन, फॉसफॉमिडॉन और फोरेट प्रमुख हैं.

इसके अलावा 16 कीटनाशकों पर आंशिक रोक लगाई गई है. इनमें एल्युमिनियम फॉसफाइड, कार्बोफ्यूरॉन, क्लोरपाईरीफॉस, डाईमेथोएट, मालाथियान और मोनोक्रोटोफॉस जैसे रसायन शामिल हैं. कुछ रसायनों का उपयोग खास फसलों पर पूरी तरह वर्जित है जैसे कि क्लोरपाईरीफॉस को बेर, नींबू और तंबाकू पर नहीं छिड़का जा सकता और डाईमेथोएट को कच्ची सब्जियों व फलों पर इस्तेमाल करना मना है.

ड्रोन से छिड़काव से बच रहा समय, पानी और मेहनत

वहीं डिप्टी सीएम ने बताया कि सरकार खेती में नई तकनीकें लाकर किसानों को सशक्त बना रही है. खासकर ड्रोन तकनीक से कीटनाशकों का छिड़काव काफी असरदार हो रहा है. इससे खेतों में संतुलित मात्रा में छिड़काव होता है, जिससे फसल को बेहतर सुरक्षा मिलती है. इसके साथ ही पानी, समय और मजदूरी की बचत होती है और किसानों की आमदनी बढ़ती है.

प्रशिक्षण से बढ़ रही किसानों की समझ

डिप्टी सीएम ने कहा कि किसानों और कीटनाशी दुकानदारों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें उन्हें बताया जाता है कि कीटनाशकों को कैसे सही तरीके से रखा जाए, कब और कितना छिड़काव करना चाहिए और उनके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं. साथ ही, उन्हें यह भी बताया जाता है कि कौन-से कीटनाशक प्रतिबंधित हैं और उनका इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए. इससे किसान केवल अनुमोदित रसायनों का ही उपयोग कर पा रहे हैं, जिससे फसल, पर्यावरण और खुद किसान की सेहत सुरक्षित रह रही है.

किसान हित में बक्सर में बड़ा आयोजन

बक्सर जिले में ‘किसान कल्याण संवाद’ एवं ‘कृषक युवा कल्याण सम्मान’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. यह कार्यक्रम उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित किया जायेगा.राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह संवाद किसानों को योजनाओं की जानकारी देने, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने और समस्याओं का समाधान खोजने हेतु हो रहा है.

इस अवसर पर कृषि में नवाचार, जैविक खेती और तकनीकी उन्नति करने वाले युवा किसानों को सम्मानित किया जाएगा. साथ ही,’जिला कृषि टास्क फोर्स’ की बैठक में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. यह कार्यक्रम किसानों की आयवृद्धि और योजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में सार्थक कदम है.

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