Odisha News: ओडिशा के सोनपुर जिले के किसानों ने शनिवार को धान खरीद में देरी और असमर्थता के विरोध में अनोखा प्रदर्शन किया, जिससे मुख्य सड़क पर यातायात बाधित हो गया. किसानों ने मंडियों में टोकन न मिलने और धान उठाने में देरी पर नाराजगी जताते हुए प्रतीकात्मक रूप से धान 10 रुपये प्रति किलो में बेचा और टायर जलाकर सड़क रोक दी. यह प्रदर्शन सिन्समुरा- पंडकिताल मुख्य मार्ग के कौड़ियामुंडा चक में हुआ, जिससे कई घंटों तक वाहनों की आवाजाही बंद रही.
वहीं, नाराज किसानों का कहना था कि जिले की मंडियां 9 तारीख को खुली, लेकिन उन्हें अभी तक खरीद टोकन नहीं मिले और मंडियों में पड़े धान को उठाया नहीं जा रहा है. किसानों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई हल नहीं निकला, इसलिए उन्होंने ध्यान खींचने के लिए प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि कई किसान आर्थिक दबाव में हैं और अपनी फसल का भुगतान तुरंत चाहते हैं, खासकर अगले कृषि सीजन से पहले.
किसानों ने 10 रुपये किलो बेचा धान
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने अपनी फसल को प्रतीकात्मक रूप से 10 रुपये प्रति किलो में बेचा, ताकि धान खरीद में हो रही देरी के कारण उनकी फसल की ‘कष्ट मूल्य’ को दिखाया जा सके. सड़क पर टायर जलाते हुए उन्होंने तुरंत टोकन जारी करने, मंडियों से धान उठाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भुगतान करने की मांग की.
इस वजह से परेशान हैं किसान
एक किसान ने कहा कि मंडी 9 दिसंबर को खुली, लेकिन अब तक कोई खरीद नहीं हुई. हम बिना पैसे के परेशान हैं. अगर हमारी धान समय पर नहीं खरीदी गई, तो अगले सीजन की खेती कैसे करेंगे? हम सरकार से तुरंत खरीद की मांग करते हैं. एक अन्य किसान ने कहा कि मेरे पास गुजर-बसर के लिए पैसे नहीं हैं. अभी तक मुझे टोकन भी नहीं मिला. अब मैं क्या करूं? इस मामले पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह की प्रक्रिय देने से बच रहे हैं.
भलपुर जिले में सामान्य जीवन प्रभावित
वहीं, संभलपुर जिले में शुक्रवार को किसानों के 12 घंटे के बंद की वजह से सामान्य जीवन प्रभावित रहा. किसान तेज और सुगम खरीफ धान खरीद की मांग कर रहे थे. संबलपुर जिला कृषक सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में हुए इस बंद के दौरान ज्यादातर सरकारी और निजी कार्यालय, बैंक, बाजार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कॉलेज और स्कूल बंद रहे. हालांकि, जरूरी सेवाओं और वाहन चलने की अनुमति थी और राष्ट्रीय राजमार्ग या रेलवे मार्ग पर कोई बड़ा व्यवधान नहीं हुआ, सिवाय सार्वजनिक बसों के.