Rice procurement: भारत में धान खरीद (Rice Procurement) का सीजन इस साल कई दिलचस्प बदलावों के साथ आगे बढ़ रहा है. जहां उत्तर भारत के प्रमुख राज्य पंजाब और उत्तर प्रदेश में खरीद की रफ्तार धीमी दिखी, वहीं दक्षिण के राज्यों-तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने अपनी मजबूत खरीद से इस कमी को काफी हद तक पूरा कर दिया. इसी वजह से अक्टूबर–नवंबर 2025 के दो महीनों में देश की कुल धान खरीद में पिछले साल की तुलना में 12.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
धान विपणन सीजन हर वर्ष अक्टूबर से शुरू होता है, लेकिन राज्य के हिसाब से खरीफ फसल की कटाई के समय और खरीद कार्यक्रम अलग-अलग रहते हैं. इस साल धान की जल्दी आवक के कारण केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा में खरीद को सितंबर के मध्य से शुरू करने की अनुमति दे दी थी. तमिलनाडु में तो यह प्रक्रिया 1 सितंबर से ही शुरू हो गई थी.
पंजाब–हरियाणा: आंकड़ों में बदलाव, रफ्तार में अंतर
पंजाब वर्षों से केंद्र के लिए धान का सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा है. इस बार पंजाब ने अब तक 104.80 लाख टन धान खरीदा है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 4 फीसदी कम है. वहीं हरियाणा ने खरीद बढ़ाकर 35.96 लाख टन कर दी, जो पिछले साल से 30 फीसदी अधिक है.
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सीजन की अंतिम रिपोर्ट आने पर इन आंकड़ों में हल्का बदलाव हो सकता है, क्योंकि पिछले वर्ष पूरे सीजन में पंजाब की कुल खरीद 116.13 लाख टन और हरियाणा की 36.17 लाख टन थी.
दक्षिण भारतीय राज्यों ने संभाली स्थिति
इस बार केंद्र सरकार की कुल खरीद 194.14 लाख टन तक पहुंच गई, जिसका बड़ा श्रेय दक्षिण भारत को जाता है.
- तमिलनाडु ने धान खरीद में 188 फीसदी की जबरदस्त वृद्धि की है.
- तेलंगाना ने अपने स्तर पर 52 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है.
- आंध्र प्रदेश में खरीद 111 फीसदी बढ़ी और यह 5.11 लाख टन तक पहुंच गई है.
ये तीनों राज्य मिलकर उत्तर भारत की कमी को काफी हद तक पूरा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गिरावट
सबसे अधिक धान उत्पादन करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में खरीद घटकर 6.05 लाख टन रह गई, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 19 फीसदी कम है. वहीं छत्तीसगढ़ में भी मामूली गिरावट देखी गई और खरीद 6.77 लाख टन से घटकर 6.63 लाख टन पर आ गई.
पूर्वी राज्यों से बढ़ी उम्मीदें
इस बार पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी बेहतर संकेत मिले हैं, जहां नवंबर तक 2.93 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है, जबकि सामान्यतः इस समय तक वहां खरीद शुरू भी नहीं होती. वहीं उत्तराखंड ने भी पिछले साल से 54 फीसदी ज्यादा धान खरीद दर्ज की है.
ओडिशा और मध्य प्रदेश में अभी इंतजार
ओडिशा और मध्य प्रदेश में धान खरीद कार्यक्रम 1 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अब तक खरीद नहीं हो सकी है. जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र से किसानों से सीधे खरीद की अनुमति देने की मांग रखी है.
धान उत्पादन का अनुमान नया रिकॉर्ड छूने वाला
कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2025-26 की खरीफ फसल में धान उत्पादन 124.50 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल से 1.4 फीसदी अधिक है.
भारत में इस साल धान खरीद का संतुलन देखने लायक है. जहां कुछ राज्यों में कमी देखी गई, वहीं दक्षिण भारत के बढ़ते योगदान ने केंद्र के भंडार को मजबूत बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाई है. आने वाले महीनों में ओडिशा और मध्य प्रदेश से खरीद शुरू होने के बाद तस्वीर और स्पष्ट होगी.