बरसात के मौसम में आसमान से गिरने वाली बिजली (ठनका या वज्रपात) सिर्फ इंसानों के लिए ही खतरनाक नहीं होती, बल्कि हमारे मवेशी भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं. कई बार किसान बारिश से तो बचाव कर लेते हैं, लेकिन पशुओं की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते. इसी को देखते हुए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुओं को वज्रपात से बचाने के लिए कुछ जरूरी सुझाव जारी किए हैं. अगर आप इन आसान टिप्स को अपनाएं, तो अपने पशुओं की जान बचा सकते हैं और भारी नुकसान से बच सकते हैं.
शेड में रखें और बिजली वाले सामान से दूर रखें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसीर, वज्रपात के समय सावधानी से पशुओं की जान बचाई जा सकती है, बस कुछ बातों का पालन जरूरी है.
- बारिश या बादलों की गड़गड़ाहट शुरू होते ही पशुओं को खुली जगह से हटाकर सुरक्षित पशु शेड में रखें.
- इलेक्ट्रिक मोटर, जनरेटर या अन्य बिजली वाले उपकरणों को पशुओं से दूर रखें.
- कोई भी लोहे या धातु वाला डंडा, हल या कोई औजार उनके पास न छोड़ें.
- अगर पशु पर आसमानी बिजली गिर जाए या झटका लग जाए, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से इलाज कराएं.
मौसम की जानकारी से बनाएं पहले से योजना
किसान भाई रेडियो, मोबाइल ऐप या टीवी के माध्यम से मौसम की जानकारी समय-समय पर लेते रहें. बारिश और तूफान की चेतावनी मिलते ही पहले से तैयारी कर लें- जैसे पशुओं को भीतर लाना, नाद/चरने वाली जगह चेक करना आदि. अचानक मौसम खराब हो तो पशुओं को चरने के लिए बिल्कुल बाहर न छोड़ें.
ये गलती कभी न करें: पेड़ों और खंभों के नीचे बांधना
- अक्सर लोग बरसात में गाय-भैंस को किसी पेड़ की छाया में बांध देते हैं- लेकिन यह बहुत खतरनाक है.
- खासकर एकल (सिंगल) ऊंचे पेड़ बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
- इसी तरह बिजली या टेलीफोन के खंभों के नीचे भी पशुओं को बिल्कुल न बांधें क्योंकि ये भी बिजली को खींचते हैं.
- बड़े खुले मैदान में भी यदि ऊंचाई पर पशु है तो खतरा बढ़ जाता है.
धातु के नाद या टंकी से बचाएं
बारिश के मौसम में पहाड़ी या ऊंचे क्षेत्रों में जानवरों को चराने ले जाने वाले किसानों को खास सावधानी रखनी चाहिए. ऐसे समय में लोहे या स्टील जैसे धातु से बने नाद, पानी की बाल्टी या कोई भी बर्तन उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि धातु बिजली की अच्छी सुचालक होती है और वज्रपात की स्थिति में बिजली को सीधा पशु तक पहुंचा सकती है. इसलिए बरसात के समय मिट्टी या प्लास्टिक से बने नाद और पानी की बाल्टियों का इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित और समझदारी भरा कदम माना जाता है. इससे जानवरों को अनहोनी से बचाया जा सकता है.
तालाब, नदी और जलाशय से दूरी रखें
- बारिश के समय जल भरे तालाब, पोखर, या नदी के किनारे पशुओं को न ले जाएं.
- पानी वाली जगहों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक होती है, और करंट पूरा फैल सकता है.
- कोशिश करें कि पशु कही अंदर बंधे रहें, खासकर तेज बारिश या तूफान के दौरान.