पशुओं के लिए मुफ्त टीकाकरण शुरू, अब खुरपका-मुंहपका से नहीं होंगे बीमार

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) बीमारी से बचाव के लिए निशुल्क टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 28 Jul, 2025 | 04:25 PM

पशुओं के लिए जानलेवा बने खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान की शुरूआत कर दी गई है. मध्य प्रदेश के पशुपालकों को राहत देने के लिए और उन्हें पशुधन के नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण अभियान की शुरूआत कर दी गई है. बता दें की हर साल बड़ी संख्या में बारिश के दौरान पशुओं को यह बीमारी अपनी चपेट में लेती है. इससे पशुओं की जान भी चली जाती है, जबकि इलाज में पशुपालकों को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है.

मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग ने खुरपका-मुंहपका बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है. टीकाकरण के लिए पशुपालकों पैसे कोई राशि नहीं ली जा रही है. यह अभियान राज्य के झाबुआ जिला में योगेश्वर कृष्ण गौशाला कल्याणपुरा से हुई है. चरणबद्ध तरीके से यह अभियान राज्य के अन्य जिलों में भी चलाया जा रहा है.

30 अगस्त तक लगाए जाएंगे मुफ्त टीके

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) बीमारी से बचाव के लिए यह अभियान 1 जुलाई 2025 से शुरू होकर 30 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान सभी गोवंश और भैंस वंशीय पशुओं को टीका लगाया जाएगा.

क्या है एफएमडी और क्यों जरूरी है टीकाकरण

एफएमडी (Foot and Mouth Disease) एक वायरस जनित बीमारी है, जो पशुओं को प्रभावित करती है. इस बीमारी में पशुओं के मुंह और पैरों में छाले हो जाते हैं, जिससे उन्हें भूख कम लगती है, बुखार होता है और दूध देने की क्षमता में भारी गिरावट आती है.

झाबुआ जिले के पशुपालन प्रभारी ने बताया कि यह बीमारी 8 से 15 दिन तक रह सकती है और कई बार पूरे पशुधन को प्रभावित कर देती है. इससे बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह टीकाकरण कार्यक्रम पूरी तरह निशुल्क है. सभी पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने सभी पशुओं को टीका जरूर लगवाएं.

गांव-गांव में चलेगा विशेष अभियान

झाबुआ जिले में यह विशेष टीकाकरण अभियान पशुपालन विभाग की टीम द्वारा गांव-गांव जाकर चलाया जा रहा है. सभी पशुओं का टीकाकरण करने के लिए पशु चिकित्सकों और सहायकों की टीमें बनाई गई हैं.

जनभागीदारी और जागरूकता जरूरी

पशुपालन विभाग का कहना है कि यदि सभी पशुपालक समय पर अपने पशुओं को टीका लगवाएं, तो इस बीमारी पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है. पशु चिकित्सकों ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ टीकाकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद पशुपालकों को शिक्षित करना और उन्हें जागरूक बनाना भी है. इससे न केवल पशुधन सुरक्षित रहेगा, बल्कि दुग्ध उत्पादन और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

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Published: 28 Jul, 2025 | 04:25 PM

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