उत्तर प्रदेश में अब सरकारी इमारतों की रंगाई-पुताई में गोबर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में अधिकारियों के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि यूपी में सरकारी इमारतों की रंगाई-पुतलाई गोबर से बने ‘नेचुरल पेंट’ से किया जाए. इससे लोगों को रोगजार भी मिलेगा और पशुपालकों की कमाई भी होगी. खास बात यह है कि ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहायता योजना’ के तहत ऐसे गरीब परिवारों को फ्री में गाय दी जाएगी जिनके पास पहले से कोई पशु नहीं है. इसका मकसद गौ सेवा को बढ़ावा देना और दूध की उपलब्धता के जरिए घरेलू पोषण को बेहतर बनाना है.
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को ये निर्देश दिए. बैठक के दौरान सीएम योगी ने डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के लिए तकनीक और इनोवेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उनके मुताबिक, डेयरी सेक्टर में नई-नई तकनीकों के इस्तेमाल से गोपालन करना ज्यादा बेहतर और आसान हो जाएगा. साथ ही इससे किसानों की कमनाई भी बढ़ेगी. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने राज्य में गौ प्रोटेक्शन सेंटर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने देसी गायों की नस्लों को बढ़ावा देने के लिए मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं कराने और बेहतरीन ‘काऊ शेल्टर’ को सम्मानित करने का सुझाव दिया.
40,968.29 हेक्टेयर चारागाह तिक्रमण से मुक्त
इसके अलावा सीएम योगी ने गो-आधारित उत्पाद बनाने वाले संगठनों के बीच प्रतियोगिताएं कराकर इनोवेशन और क्वालिटी को बढ़ावा देने की बात कही. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40,968.29 हेक्टेयर चारागाह भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है, जिसमें से 12,168.78 हेक्टेयर पर हरे चारे की खेती की जा रही है. इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ रहा है. इसमें महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और अब तक कुल 21,884 गौसेवकों को प्रशिक्षण देकर तैनात किया गया है.
यूपी में 7693 काऊ शेल्टर
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि बरेली में बड़े गौ संरक्षण केंद्रों पर IFFCO, आवंला के सहयोग से जैविक खाद और गोमूत्र प्रोसेसिंग प्लांट्स बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. वहीं, इस समय प्रदेश में 7693 काऊ शेल्टर हैं, जिनमें 11.49 लाख गायों को रखा गया है. इन काऊ शेल्टर की निगरानी सीसीटीवी कैमरों और नियमित निरीक्षणों के जरिए की जा रही है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन स्थलों पर गौसेवकों की नियुक्ति, समय पर वेतन, भूसे के भंडार (हस्क बैंक), पानी, हरा चारा और चोकर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. खास बात यह है कि काऊ शेल्टर में नियमित पशु चिकित्सक की विजिट भी अनिवार्य करने पर जोर दिया गया है.
3.97 लाख लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन
अधिकारियों ने कहा कि यूपी में वर्ष 2024-25 में दूध की खरीद 3.97 लाख लीटर प्रतिदिन (LLPD) तक पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी अधिक है. इस दौरान दुग्ध उत्पादकों की सदस्यता 8 फीसदी बढ़ी और 24,031 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया. वित्तीय रूप से, कुल टर्नओवर 1,120.44 करोड़ रुपये रहा, जो कि 16 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. भविष्य की योजनाओं के तहत, वर्ष 2025-26 में 4,922 नई सहकारी दुग्ध समितियों की स्थापना और पहले से मौजूद 21,922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया है.