झारखंड के गढ़वा जिले से एक उम्मीद जगाने वाली कहानी सामने आई है. यहां के नगर ऊंटारी प्रखंड के विलासपुर गांव में रहने वाले आनंद प्रकाश दुबे ने एक ऐसा काम कर दिखाया है, जो हर किसान के लिए प्रेरणा बन सकता है. उन्होंने तीन एकड़ बंजर जमीन पर आम के पेड़ लगाकर उसे हरा-भरा बना दिया. अब उसी जमीन से उन्हें न सिर्फ आम का अच्छा उत्पादन मिल रहा है, बल्कि इलाके के कई लोगों को रोजगार भी मिला है.
बेरंग जमीन अब हरी-भरी
समाचार एजेंसी प्रसार भारती के मुताबिक, आनंद प्रकाश का कहना है कि उन्होंने यह कदम पर्यावरण को सुधारने और प्रदूषण को कम करने के मकसद से उठाया. पहले जो जमीन बेकार पड़ी थी, वहां अब आम के पेड़ों की हरियाली छाई है. उन्होंने बताया कि पेड़ लगाने से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ती है.
शुद्ध हवा से मिल रहा सुकून
इस बगीचे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां आने वाले लोग अब इसे सिर्फ आम खरीदने की जगह नहीं, बल्कि घूमने और ताजी हवा में सांस लेने के लिए भी पसंद करने लगे हैं. स्थानीय निवासी संजय लाल बताते हैं कि पहले यह जगह वीरान थी, लेकिन अब हरियाली के बीच टहलना बहुत सुकून देता है.
हरियाली से खुला रोजगार का रास्ता
वहीं इस बागान में काम करने वाले मजदूर नीरज कुमार बताते हैं कि पहले उनके पास कोई रोज़गार नहीं था, लेकिन अब इस बागान में काम करके उनके घर का खर्च चल रहा है. बंजर जमीन पर पेड़ लगाने से गांव के कई अन्य लोगों को भी काम मिला है.
प्रेरणा बनी किसान की कहानी
गढ़वा जैसे आकांक्षी जिले में जब कोई व्यक्ति अपनी मेहनत से जमीन का कायाकल्प करता है तो वह सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन जाता है. आनंद प्रकाश का यह कदम यह भी दिखाता है कि अगर इच्छा हो तो कोई भी जमीन बंजर नहीं रहती.
आनंद प्रकाश की यह कोशिश न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, बल्कि इलाके के युवाओं को यह समझाने में भी कामयाब हो रही है कि मेहनत और सोच बदलने से जमीन की हालत भी बदली जा सकती है.