Farming Tips: मिर्च सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए भी बहुत फायदेमंद सब्जी है. भारत में मिर्च की खेती लंबे समय से होती रही है और आज यह व्यवसाय किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत भी बन गया है. बाजार में हरी मिर्च, लाल मिर्च, लंबी मिर्च, छोटी मिर्च और स्पाइसी हॉट मिर्च जैसी कई वैरायटीज उपलब्ध हैं. मिर्च की किस्म चाहे कोई भी हो, उसकी ग्रोथ और उत्पादन का मुख्य आधार मिट्टी की गुणवत्ता और पोषण है. तो चलिए जानते हैं कौन सी मिर्च के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी रहेगी.
हरी मिर्च
हरी मिर्च की खेती के लिए हल्की और रेत-मिश्रित मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ऐसी मिट्टी में नमी बनी रहती है और जड़ों में पानी जमा नहीं होता. हरी मिर्च के पौधे जल्दी फूल और फल देते हैं, यदि मिट्टी में पर्याप्त नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व हों. घर के गमलों में भी ऑर्गैनिक कंपोस्ट और रेत मिलाकर पौधे की अच्छी ग्रोथ सुनिश्चित की जा सकती है.
लाल मिर्च
लाल मिर्च, जो पूरी तरह पककर लाल हो जाती है और पाउडर बनाने के लिए उपयोग होती है, के लिए हल्की दोमट मिट्टी उत्तम रहती है. मिट्टी का पीएच 6.0 से 7.0 होना चाहिए. इस मिट्टी में जल निकासी अच्छी होती है और पौधों की जड़ें सड़ती नहीं हैं. मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट या गोबर खाद मिलाकर पोषण बढ़ाया जा सकता है. लाल मिर्च जल्दी फूल और फल देती है, अगर मिट्टी हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर हो.
लंबी,छोटी मिर्च
लंबी मिर्च के लिए हल्की दोमट मिट्टी जिसमें ह्यूमस और रेत अच्छी मात्रा में हो, सबसे बेहतर है. इस मिट्टी में जड़ें स्ट्रेस-फ्री रहती हैं और पौधा जल्दी फूलने लगता है. लंबी मिर्च का आकार और स्वाद मिट्टी की गुणवत्ता पर सीधे निर्भर करता है. इसी तरह, छोटी मिर्च (Bird’s Eye Chilli) के लिए हल्की और पोषक तत्वों वाली मिट्टी जरूरी है, ताकि पौधा जल्दी फल दे और बीज अच्छे बने.
शिमला मिर्च
शिमला मिर्च या बेल पेपर के लिए जैविक पदार्थ युक्त हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त है. मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व होने से फूल और फल अच्छे आकार के बनते हैं. मिर्च की हॉट वैरायटीज के लिए भी हल्की, दोमट और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी सबसे अनुकूल रहती है. इसके अलावा मिट्टी में रेत मिलाने से जलभराव से बचाव होता है और जड़ें स्वस्थ रहती हैं.
क्यों चुने सही मिट्टी?
मिर्च की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी की संरचना और पोषण के साथ-साथ सिंचाई का संतुलन भी जरूरी है. मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन पानी जमा न हो. गमले या कंटेनर में उगाई जाने वाली मिर्च के लिए हल्की और ड्रेनेज वाली मिट्टी सबसे अच्छी रहती है. आप मिट्टी में रेत, ह्यूमस और ऑर्गैनिक कंपोस्ट मिलाकर बेहतरीन पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं. यह पौधों को स्ट्रेस-फ्री रखता है और फ्लावरिंग तथा फल आने की प्रक्रिया तेज करता है.
बीज उत्पादन के लिए मिट्टी हल्की, पोषक तत्वों से भरपूर और ड्रेनेज वाली होनी चाहिए. मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट या गोबर खाद मिलाने से पौधे जल्दी फूलने लगते हैं और बीज उत्पादन बेहतर होता है. इस तरह, सही मिट्टी और उचित देखभाल से मिर्च के पौधे लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं और उत्पादन भी अधिक मिलता है.
मिर्च की खेती न केवल घर के लिए ताजी मिर्च उपलब्ध कराती है, बल्कि यदि सही तरीके से उगाई जाए, तो यह किसानों के लिए अच्छा व्यवसाय और आय का जरिया भी बन सकती है.