दूध सेक्टर में राजस्थान का कमाल, 400 करोड़ मुनाफा और 10 हजार करोड़ का टर्नओवर

राजस्थान ने दुग्ध क्रांति 2.0 के तहत इतिहास रचते हुए 400 करोड़ रुपये का मुनाफा और 10,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने राज्य के दुग्ध क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि को संभव किया.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 5 May, 2025 | 12:15 PM

राजस्थान में दुग्ध डेयरी सहकार के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा जा रहा है. राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) और उससे संबंधित जिला दुग्ध संघों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी प्रमुख मापदंडों में नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं. लाभ, टर्नओवर, उत्पाद बिक्री, और महिला सहभागिता के साथ-साथ दुग्ध सहकारी समितियों की पहुंच में भी अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है.

RCDF का लाभ 400 करोड़ रुपये के पार

आरसीडीएफ की प्रशासक और प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज, ने बताया कि इस वर्ष आरसीडीएफ और संबंधित जिला संघों ने 400.85 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभ अर्जित किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है. पिछले वर्ष के मुकाबले इसमें 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस सफलता के पीछे ‘सरस अमृतम’, ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ और ‘एक जिला एक उत्पाद’ जैसे अभियानों का अहम योगदान है.

10 हजार करोड़ रुपये के करीब टर्नओवर

आरसीडीएफ ने 47 वर्षों में पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये के करीब का टर्नओवर हासिल किया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में आरसीडीएफ और जिला संघों का कुल टर्नओवर 9505.14 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 8237.33 करोड़ रुपये था. इस प्रकार टर्नओवर में 15.40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

सरस दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग

राज्य में सरस घी और अन्य दुग्ध उत्पादों की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरस घी की बिक्री में 21 प्रतिशत, पनीर में 4 प्रतिशत, लस्सी में 18 प्रतिशत और दही में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा, राजस्थान राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी अब सरस घी का ही उपयोग किया जा रहा है.

24 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ीं

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत 24435 महिला दुग्ध उत्पादकों को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा, राज्य सरकार की योजना से महिला दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि हो रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है. इसके अलावा, 1,770 नई बहुउद्देशीय दुग्ध समितियों के गठन से दुग्ध उत्पादकों को मजबूती मिली है.

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना ने फेडरेशन और जिला दुग्ध संघों की प्रमुख उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान दिया जा रहा है, जिसे सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजा जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 378.22 करोड़ रुपये का भुगतान इस योजना के तहत किया जा चुका है, जो दुग्ध उत्पादकों की आय को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है.

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Published: 5 May, 2025 | 12:13 PM

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