राजस्थान के किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है. अब खेती के भारी-भरकम काम जैसे बुआई, जुताई, थ्रेसिंग और बिजाई में सरकार आपकी आधी भागीदारी निभाएगी. राजस्थान सरकार ‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन’ योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने पर 50 फीसदी तक का अनुदान दे रही है. इसका मकसद है खेती को आसान बनाना, उत्पादन बढ़ाना और किसानों का खर्च घटाना. अनुदान के लिए पात्र किसान विभागीय पोर्टल पर पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर लागू की जाएगी.
इन यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी
राजस्थान सरकार ने ‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन’ के तहत किसानों को खेती में नई तकनीक से जोड़ने की पहल की है. इस योजना के तहत रोटावेटर, थ्रेसर, कल्टीवेटर, रीपर, फर्टिलाइजर ड्रिल, हैरो और प्लाऊ जैसे यंत्रों पर सीधा सरकारी अनुदान मिलेगा. योजना का उद्देश्य किसानों की उत्पादकता बढ़ाना, समय और श्रम की बचत करना, आधुनिक खेती को बढ़ावा देना और खेती की लागत में कमी लाना है.
50 फीसदी तक अनुदान
योजना का लाभ वही किसान उठा पाएंगे जिनके पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड है. सामान्य किसान को मिलेगा 40 फीसदी और अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु सीमांत व महिला किसानों को 50 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. सब्सिडी पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी.
आवेदन की पूरी प्रक्रिया
किसानों को विभागीय पोर्टल ‘राज किसान साथी’ पर 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. यंत्र की खरीदी केवल पंजीकृत फर्म से ही की जा सकेगी. सत्यापन के बाद, सब्सिडी की राशि किसान के जनाधार से जुड़े खाते में सीधी ट्रांसफर कर दी जाएगी.
जरूरी कागजात तैयार रखें
इस योजना के आवेदन के लिए किसान के नाम पर जमीन, ट्रैक्टर की आरसी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, नई जमाबंदी और यंत्र का कोटेशन जरूरी है. कोटेशन में किसान की श्रेणी और ट्रैक्टर की BHP का जिक्र होना चाहिए. साथ ही, रजिस्टर्ड फर्म से ही मशीन खरीदनी होगी और सभी जरूरी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होंगे, तभी सब्सिडी का फायदा मिलेगा. दस्तावेजों की जांच के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसान के जनाधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. योजना पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर है, इसलिए समय रहते आवेदन करना जरूरी है. आवेदन में किसी भी गलती से सब्सिडी रुक सकती है.