मिलर्स के इस कदम से पंजाब में धान खरीद को लेकर गहरा सकता है संकट, किसानों को नुकसान

पंजाब में इस खरीफ सीजन में फिर धान खरीद संकट गहराने के आसार हैं. राइस मिलर्स ने हाइब्रिड और PUSA-44 किस्म की मिलिंग से इनकार किया है. इन किस्मों में ज्यादा टूटन होने से उन्हें घाटा होता है. कोर्ट ने रोक हटाई, पर मिलर्स अब भी इनकार कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 19 Aug, 2025 | 04:09 PM

इस बार खरीफ सीजन में पंजाब में फिर से धान की खरीद को लेकर संकट खड़ा होता दिख रहा है. पिछले साल की तरह ही इस बार भी प्रदेश के राइस मिलर्स ने साफ कर दिया है कि वे हाइब्रिड किस्म के धान की मिलिंग नहीं करेंगे, जबकि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार की ऐसी किस्मों पर लगी रोक को रद्द कर दिया है. इससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि मिलर्स इन किस्मों का चावल तैयार नहीं करेंगे. 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब राइस मिलर्स इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह जोसन का कहना है कि हम क्यों नुकसान झेलें? धान से 66 फीसदी चावल निकलता है, लेकिन हाइब्रिड किस्मों में 43-45 फीसदी चावल टूट जाता है. ऐसे में हमें बाकी चावल बाजार से खरीदना पड़ता है, ताकि सरकार को पूरा 66 फीसदी चावल दे सकें.

PUSA-44 किस्म की मिलिंग करने से इनकार

पंजाब सरकार ने हाइब्रिड बीजों (चाहे नोटिफाइड हों या नॉन-नोटिफाइड) पर जो रोक लगाई थी. वह राज्य की राइस मिलिंग इंडस्ट्री के दबाव में आकर लगाई गई थी. पिछले साल भी मिलर्स ने हाइब्रिड धान और PUSA-44 किस्म की मिलिंग करने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि इन किस्मों की मिलिंग के दौरान दाने ज्यादा टूटते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है.

पंजाब में 32.49 लाख हेक्टेयर में धान की खेती

करीब एक महीने तक किसानों, सरकार और राइस मिलर्स के बीच टकराव चला, जिसके बाद मिलर्स ने कुछ शर्तों के साथ इन किस्मों की मिलिंग करने पर हामी भरी. लेकिन उन्होंने किसानों को मिलने वाली कीमतों में कटौती कर दी थी. इस साल पंजाब में 32.49 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हो रही है, जिसमें से 6.81 लाख हेक्टेयर में बासमती किस्म की खेती की गई है. लेकिन जानकारों का कहना है कि भले ही सरकार ने हाइब्रिड किस्मों पर रोक लगाई थी, लेकिन किसानों ने इन किस्मों की खेती जारी रखी. माझा क्षेत्र में इस बार हाइब्रिड धान का रकबा काफी बढ़ा है, क्योंकि ये किस्में किसानों को अधिक पैदावार देती हैं.

बीजों पर राज्य सरकार रोक नहीं लगा सकती

दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है जो 7 अप्रैल को जारी हुआ था. इस आदेश में पूरे राज्य में नोटिफाइड हाइब्रिड धान के बीजों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि यह आदेश कानून के मानकों पर खरा नहीं उतरता. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि भारत सरकार द्वारा बीज अधिनियम 1966 के तहत नोटिफाई किए गए बीजों पर राज्य सरकार रोक नहीं लगा सकती.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 19 Aug, 2025 | 04:05 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%