वो समय अब पुराना हो गया जब किसान खेती करने के लिए जमीन और मिट्टी पर निर्भर रहते थे. समय बदलने के साथ आधुनिक तकनीकें आईं है तो कृषि क्षेत्र में आधुनिक तरीकों का विस्तार हुआ . इन्हीं आधुनिक तकनीकों और विधियों की देन है कि आज किसान बिना जमीन के पौधे उगा सकता है. जी हां, किसान चाहें तो हवा में बिना जमीन के पौधे उगा सकता है और चाहे तो बिना मिट्टी के केवल पानी में पौधे उगा सकता है. इन तकनीकों की खास बात यह है कि आज शहर में बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में रहने वाले लोग जिनके पास ज्यादा जगह नहीं होती वे भी घरों की बालकनी में पौधे उगा सकते हैं. हम इन तकनीकों में से एक तकनीक के बारे में आज बात करेंगे जिसे हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कहते हैं. इस तकनीक में आपको मिट्टी की जरूरत नहीं होती , आप पानी में ही पौधों को उगा सकते हैं. तो चलिए जान लेते हैं क्या है यह तकनीक और क्या हैं इसके फायदे.
क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक
इस तकनीक की मदद से मिट्टी रहित खेती की जाती है. यानी यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से पौधों को मिट्टी की जगह पानी के पोषक तत्व में उगाया जाता है. इस तकनीक में पौधों की जड़ें सीधे पानी के पोषक घोल में डूबी रहती हैं. बता दें कि इस घोल में पौधे के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद रहते हैं, जो कि पौधों की वृद्धि में मदद करते हैं. खेती की इस आधुनिक तकनीक से कम पानी और कम जगह में ज्यादा उपज की जा सकती है.
इस तकनीक के लाभ
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने पर पानी का इस्तेमाल कम होता है जिसके कारण पानी की बचत होती है. इस तकनीक से खेती करने के लिए बहुत बड़ी जगह की जरूरत नहीं होती है. आप अपने घर की छत या बालकनी में भी इस तकनीक की मदद से पौधों को उगा सकते हैं. मिट्टी की तुलना में इस तकनीक से खेती करने पर पौधों की ग्रोथ जल्दी होती है. इसके साथ ही इस तकनीक में पौधों का संपर्क मिट्टी से नहीं होती है इसलिए मिट्टी के संपर्क से होने वाले रोग और कीड़े लगने का खतरा कम रहता है. इसलिए इस तकनीक में कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है.
इस तकनीक से उगाएं ये पौधे
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से कई तरह के पौधे उगाए जा सकते हैं जिनमें सब्जियों में टमाटर, खीरा, मिर्चा, लेट्यूस, पालक, ब्रोकली, गोभी, भिंडी गाजर आदि. फलों में स्ट्ऱबेरी, ब्लैकबेरी, अंगूर, तरबूज आदि. जड़ी-बूटियां जैसे तुलसी, पुदीना, धनिया आदि. इसके अलावा सजावटी पौधे भी इस तकनीक की मदद से उगाएं जा सकते हैं.