सरकार का बड़ा फैसला.. अब नकली किसान नहीं बेच पाएंगे धान, लिस्ट से हटेंगे नाम

ओडिशा सरकार ने खरीफ धान खरीद में फर्जी किसानों को रोकने के लिए सभी किसानों के लिए e-KYC को अनिवार्य कर दिया है. फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन से असली किसानों की पहचान की जाएगी.

Kisan India
नोएडा | Published: 23 Jul, 2025 | 03:02 PM

ओडिशा सरकार ने खरीफ धान की खरीद के लिए नकली किसानों को सिस्टम से बाहर करने के मकसद से एक बड़ा कदम उठाया है. अब सभी किसानों के लिए e-KYC (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) कराना अनिवार्य कर दिया गया है. इस प्रक्रिया में उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट) और आंखों की स्कैनिंग (आईरिस स्कैन) शामिल होगी, जिससे असली और नकली किसानों की पहचान की जा सकेगी.

ओडिशा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि पिछले सीजन में कई फर्जी किसान धान बेचते पाए गए थे. e-KYC के जरिए अब ऐसे फर्जी नामों को सिस्टम से हटाया जा सकेगा. मंत्री ने सभी असली किसानों से अपील की है कि वे अपने-अपने सहकारी समितियों (सोसायटी) में जाकर पंजीकरण के समय e-KYC प्रक्रिया पूरी करें. यह प्रक्रिया हर सोसायटी स्तर पर की जाएगी.

सिस्टम से हटेगा नाम

इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी खरीद योजनाओं का लाभ सिर्फ असली किसानों को ही मिले. खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि सभी किसानों से अनुरोध है कि इस साल पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होते ही वे अपनी e-KYC जरूर पूरा करें. e-KYC पूरा होने के बाद हमें असली किसानों की सही जानकारी मिल सकेगी और फर्जी किसानों को सिस्टम से हटाया जा सकेगा. उन्होंने आगे कहा कि कई फर्जी किसान धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कर लेते हैं. e-KYC पूरा होने पर हम ऐसे लोगों को बाहर कर सकेंगे. सभी किसानों से निवेदन है कि वे अपना आधार कार्ड और बैंक की सही जानकारी दें, ताकि भुगतान सीधे उनके खाते में किया जा सके.

426 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी

वहीं, राज्य सरकार ने किसानों को तय दामों पर आसानी से खाद उपलब्ध कराने के लिए डीलरों और खुदरा विक्रेताओं के यहां स्टॉक की सख्त जांच शुरू कर दी है.अब तक कृषि विभाग ने 1,993 खुदरा दुकानों पर अचानक जांच की है. नियमों के उल्लंघन पर 426 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस और 8 दुकानों को बिक्री रोकने का नोटिस जारी किया गया है. वहीं, 25 डीलरों के लाइसेंस सस्पेंड या रद्द कर दिए गए हैं.

कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

यह सख्ती तब बढ़ाई गई जब खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी को लेकर एक खबर सामने आई थी. रिपोर्ट में डैप, यूरिया और ग्रोमोर जैसे लोकप्रिय ग्रेन्युलर खाद की भारी कमी की बात कही गई थी. इसे गंभीरता से लेते हुए कृषि मंत्री केवी सिंह देव ने विभाग को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और कहा कि जो व्यापारी जानबूझकर कमी पैदा कर दाम बढ़ा रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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