नहर का बांध टूटने से खेत में घुसा पानी, कई एकड़ में लगी ग्वार-कपास की फसल बर्बाद

विभाग ने कहा कि एक टीम मामले की जांच कर रही है. शुरुआती जांच में नहर की दीवार कमजोर होने या मिट्टी कटने की बात सामने आई है. हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि असली वजह नहर की खराब देखरेख और पुरानी हो चुकी संरचना है.

नोएडा | Published: 10 Aug, 2025 | 08:08 AM

हरियाणा के सिरसा जिले के नथूसरी चोपटा के पास शनिवार दोपहर करीब 2:45 बजे शेरांवाली नहर का बांध टूट गया. यह हादसा रंधावा गांव के पास हुआ, जहां नहर की दीवार में दरार आने से करीब 50 फीट का हिस्सा ढह गया. इस कारण नहर का पानी तेजी से पास के खेतों में भर गया और हाल ही में बोई गई ग्वार और नरमा (कपास) की फसलें डूब गईं. ये फसलें विकास के अहम चरण में थीं. किसानों के मुताबिक, करीब 20 एकड़ खेत पानी में डूब गए और उन्हें भारी नुकसान हुआ.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की सूचना मिलते ही किसानों ने सिंचाई विभाग के फील्ड वर्कर भरत सिंह को जानकारी दी. उन्होंने तुरंत नहर का हैड (नहराना हेड) बंद करवाया. हालांकि, जब तक पानी रोका गया, तब तक फसलों को काफी नुकसान हो चुका था. किसान रामस्वरूप ने कहा कि फसलें लगभग तैयार थीं. इस टूटाव ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. अब हमें सरकार से मुआवजे की उम्मीद है. एक और किसान सतपाल ने नहर टूटने के लिए खराब देखरेख को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ये हादसा लापरवाही की वजह से हुआ है. जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

तुरंत नहर की मरम्मत का काम शुरू किया गया

पानी भराव के कारण फसलें सड़ने की आशंका है, क्योंकि जड़ों तक लगातार पानी पहुंच रहा है. किसान डर रहे हैं कि इस नुकसान से उनकी मौसमी आमदनी पर बड़ा असर पड़ेगा. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तुरंत नहर का पानी बंद करवाया और मरम्मत के लिए टीम भेजी. फिलहाल अस्थायी मरम्मत का काम शुरू हो गया है, लेकिन विभाग का कहना है कि नहर को पूरी तरह ठीक करने में कुछ दिन लग सकते हैं. सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमने तुरंत पानी की सप्लाई रोकी और मरम्मत का काम शुरू कर दिया.

टीम मामले की जांच कर रही है

विभाग ने कहा कि एक टीम मामले की जांच कर रही है. शुरुआती जांच में नहर की दीवार कमजोर होने या मिट्टी कटने की बात सामने आई है. हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि असली वजह नहर की खराब देखरेख और पुरानी हो चुकी संरचना है. जानकारी के अनुसार, शेरांवाली नहर में सिर्फ चार दिन पहले 6 अगस्त को ही पानी छोड़ा गया था और नियमित तरीके से पानी की बारी चल रही थी. लेकिन ज्यादा दबाव या कमजोर मिट्टी की वजह से हो सकती है दीवार गिर गई .