चलती-फिरती ATM है ये बकरी, 4 से 5 महीनों में दोगुना देती है मुनाफा, इन इलाकों में सरकार दे रही मुफ्त!

Sirohi Goat: दरअसल, हम बात कर रहे हैं सिरोही बकरियों की जो कि, छोटे और बड़े दोनों तरह के पशुपालकों के लिए बेहद लाभदायक साबित होती हैं. सिर्फ 5 से 6 महीने में ही लागत का दो से तीन गुना मुनाफा दे सकती हैं. इसका मतलब यह है कि जो पशुपालक इन बकरियों का पालन करते हैं, वे छोटे समय में अपने निवेश को दोगुना या तीन गुना कर सकते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 13 Oct, 2025 | 01:40 PM
1 / 6Sirohi Goat: दरअसल, हम बात कर रहे हैं सिरोही बकरियों की जो कि, छोटे और बड़े दोनों तरह के पशुपालकों के लिए बेहद लाभदायक साबित होती हैं. सिर्फ 5 से 6 महीने में ही लागत का दो से तीन गुना मुनाफा दे सकती हैं. इसका मतलब यह है कि जो पशुपालक इन बकरियों का पालन करते हैं, वे छोटे समय में अपने निवेश को दोगुना या तीन गुना कर सकते हैं.

Sirohi Goat: दरअसल, हम बात कर रहे हैं सिरोही बकरियों की जो कि, छोटे और बड़े दोनों तरह के पशुपालकों के लिए बेहद लाभदायक साबित होती हैं. सिर्फ 5 से 6 महीने में ही लागत का दो से तीन गुना मुनाफा दे सकती हैं. इसका मतलब यह है कि जो पशुपालक इन बकरियों का पालन करते हैं, वे छोटे समय में अपने निवेश को दोगुना या तीन गुना कर सकते हैं.

2 / 6Sirohi Goat Milk: सिरोही बकरियां रोज औसतन 1 से डेढ़ लीटर दूध देती हैं. दूध की नियमित आपूर्ति से पशुपालकों की आय में स्थिरता आती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. इसके अलावा, सिरोही बकरियों का दूध पोषण और गुणवत्ता में भी अच्छा माना जाता है.

Sirohi Goat Milk: सिरोही बकरियां रोज औसतन 1 से डेढ़ लीटर दूध देती हैं. दूध की नियमित आपूर्ति से पशुपालकों की आय में स्थिरता आती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. इसके अलावा, सिरोही बकरियों का दूध पोषण और गुणवत्ता में भी अच्छा माना जाता है.

3 / 6Sirohi Bakri: सिरोही बकरियां साल में दो बार बच्चे देती हैं और इनमें अधिकांश बच्चे जुड़वा होते हैं. इसका सीधा फायदा यह है कि पशुपालक थोड़े समय में अपनी बकरी संख्या बढ़ा सकते हैं और जल्दी मुनाफा कमा सकते हैं. जुड़वा बच्चों के होने से पालन लागत कम रहती है.

Sirohi Bakri: सिरोही बकरियां साल में दो बार बच्चे देती हैं और इनमें अधिकांश बच्चे जुड़वा होते हैं. इसका सीधा फायदा यह है कि पशुपालक थोड़े समय में अपनी बकरी संख्या बढ़ा सकते हैं और जल्दी मुनाफा कमा सकते हैं. जुड़वा बच्चों के होने से पालन लागत कम रहती है.

4 / 6Sirohi Bakri Ki Khasiyat: सिरोही नस्ल की बकरियां किसी भी मौसम या पर्यावरण में आसानी से रह सकती हैं. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है, जिससे इन्हें बीमारियों से बचाना आसान हो जाता है. इस वजह से पशुपालकों को बार-बार दवाओं या इलाज पर खर्च नहीं करना पड़ता.

Sirohi Bakri Ki Khasiyat: सिरोही नस्ल की बकरियां किसी भी मौसम या पर्यावरण में आसानी से रह सकती हैं. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है, जिससे इन्हें बीमारियों से बचाना आसान हो जाता है. इस वजह से पशुपालकों को बार-बार दवाओं या इलाज पर खर्च नहीं करना पड़ता.

5 / 6Sirohi Goat Farming: सिरोही बकरियों की मांग तेजी से बढ़ रही है. यह नस्ल बाजार में अच्छे दाम पर बिकती है. इन्हें आसानी से उनके भूरे या काले रंग पर बने सफेद या भूरे निशान से पहचाना जा सकता है.

Sirohi Goat Farming: सिरोही बकरियों की मांग तेजी से बढ़ रही है. यह नस्ल बाजार में अच्छे दाम पर बिकती है. इन्हें आसानी से उनके भूरे या काले रंग पर बने सफेद या भूरे निशान से पहचाना जा सकता है.

6 / 6Government Schemes: राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत जैसे जनजाति उप योजना के तहत, टीएसपी क्षेत्र (Tribal Sub-Plan Area) के पशुपालकों को सिरोही बकरे नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं. साथ ही राष्ट्रीय पशुधन मिशन तहत इस नस्ल के बकरे नि:शुल्क दिए जा रहे हैं.इसका मुख्य उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाना और पशुपालन को बढ़ावा देना है.

Government Schemes: राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत जैसे जनजाति उप योजना के तहत, टीएसपी क्षेत्र (Tribal Sub-Plan Area) के पशुपालकों को सिरोही बकरे नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं. साथ ही राष्ट्रीय पशुधन मिशन तहत इस नस्ल के बकरे नि:शुल्क दिए जा रहे हैं.इसका मुख्य उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाना और पशुपालन को बढ़ावा देना है.

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