दांत बताते हैं गाय-भैंस की असली उम्र… सही दांत वाले पशु से मिलेगा ज्यादा दूध, जानें कैसे

दुधारू पशु खरीदते समय दांत देखना सबसे जरूरी माना जाता है, क्योंकि इससे उसकी सही उम्र और सेहत का पता चलता है. सही उम्र का पशु ज्यादा दूध देता है और लंबे समय तक किसान को फायदा पहुंचाता है. यही वजह है कि अनुभवी किसान हमेशा दांत देखकर ही खरीद का फैसला करते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 6 Dec, 2025 | 11:56 AM

Animal Health : दुधारू पशु खरीदना खेत-खलिहान की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है. बाहर से देखने में गाय-भैंस कितनी भी मजबूत और चमकदार क्यों न लगे, असलियत उनके दांत ही बताते हैं. कई बार कम उम्र का बताकर ज्यादा उम्र वाले पशु बेच दिए जाते हैं, और किसान बाद में पछताते रह जाते हैं. लेकिन अगर दांतों की पहचान समझ आ जाए, तो पशु खरीदना न सिर्फ आसान हो जाता है बल्कि लंबे समय तक मुनाफा भी तय हो जाता है. मौसम, शरीर या आकार से ज्यादा सही जानकारी दांत ही देते हैं, इसलिए अनुभवी लोग हमेशा दांत देखकर ही फैसला करते हैं.

चार दांत वाले पशु की खासियत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुधारू पशु (Dairy Cattle) खरीदने के समय किसानों की पहली पसंद चार दांत वाला पशु होता है. इसका कारण बेहद साधारण लेकिन महत्वपूर्ण है-चार दांत का मतलब है कि पशु करीब तीन से साढ़े तीन साल का है. यह उम्र दुधारू पशुओं के लिए सबसे मजबूत और सक्रिय मानी जाती है. न यह बहुत छोटा होता है और न ही बूढ़ा. इस अवस्था में पशु दूध देने की पूरी क्षमता  में होता है और आगे कई वर्षों तक अच्छा उत्पादन देता है. चार दांत वाला पशु इसलिए भी पसंद किया जाता है क्योंकि इस उम्र में उसके दांत घिसने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, जिससे उसकी वास्तविक उम्र का सही अंदाजा लगाया जा सकता है.

दांत बताते हैं उम्र और स्वास्थ्य दोनों

पशु की उम्र का अंदाजा लगाने का सबसे सटीक तरीका उसके दांतों को देखना है. जन्म के बाद महीने भर में पशु के चार दूध के दांत आ जाते हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दूध के दांत की जगह स्थायी दांत आने लगते हैं. दो साल की उम्र में पशु के बीच के दो स्थायी दांत आते हैं और साढ़े तीन साल में कुल चार स्थायी दांत विकसित हो जाते हैं. यही वह अवस्था है जिसे किसान सबसे बेहतर मानते हैं. आगे की उम्र में छह, आठ और फिर सभी दांत स्थायी रूप में आ जाते हैं, लेकिन जब पशु छह साल के आस-पास पहुंचता है, तब उसके दांत घिसने शुरू हो जाते हैं. आठ साल की उम्र में सभी दांत काफी घिस जाते हैं, जिससे साफ पता लग जाता है कि पशु अब उम्रदराज हो चुका है.

ज्यादा उम्र वाला पशु गलत खरीद साबित होता है

कई बार किसान बिना दांत देखे सिर्फ बाहरी शरीर या रंग-रूप देखकर पशु खरीद लेते हैं, जबकि असली नुकसान इसी वजह से होता है. ज्यादा उम्र वाले पशु की ताकत पहले से कम होती है और दूध उत्पादन भी कम होने लगता है. ऐसे पशु जल्दी थकते हैं, ज्यादा बीमार पड़ते हैं और उनकी प्रजनन क्षमता भी घट जाती है. एक-दो साल बाद उनका उत्पादन लगभग रुक जाता है, जिससे किसान को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ता है.

दांत देखकर ही करें सही पशु की पहचान

पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, दांतों के आधार पर उम्र का पता लगाना सबसे सही और आसान तरीका है. साढ़े तीन साल तक पशु के चार स्थायी दांत आते हैं, साढ़े चार से पांच साल में छह दांत और पांच से साढ़े पांच साल के बीच आठ स्थायी दांत पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं. इसके बाद दांत धीरे-धीरे घिसने लगते हैं, जो उसकी बढ़ती उम्र का संकेत होता है. यही कारण है कि अनुभवी किसान सिर्फ एक नजर में दांत देखकर ही बता देते हैं कि पशु कितना उत्पादक  साबित होगा.

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