चावल की महंगाई पर अपडेट.. कृषि मंत्रालय ने उत्पादन आंकड़े जारी किए, तिलहन-कपास की पैदावार देखिए

कृषि मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि अक्टूबर में खत्म हुए खरीफ सीजन के दौरान देश का चावल प्रोडक्शन रिकॉर्ड 1245 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले साल से 1.4 फीसदी ज्यादा है, हालांकि दालों, तिलहन और कपास के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 26 Nov, 2025 | 03:54 PM

चावल के दाम में बढ़ोत्तरी की चिंताओं पर विराम लग गया है, क्योंकि इस सीजन बीते साल की तुलना में ज्यादा चावल का उत्पादन हुआ है. ऐसे में बाजारों में चावल महंगा होने की आशंका दूर हो गई है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ सीजन में फसल पैदावार आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि खरीफ सीजन चावल का उत्पादन बीते साल की तुलना में 1.4 फीसदी अधिक हुआ है. मंत्रालय ने तिलहन फसलों के साथ ही कपास उत्पादन के आंकड़े भी जारी किए हैं.

खरीफ चावल का प्रोडक्शन रिकॉर्ड ऊंचाई पर

कृषि मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि अक्टूबर में खत्म हुए खरीफ सीजन के दौरान देश का चावल प्रोडक्शन रिकॉर्ड 1245 लाख टन तक पहुंच गया, जो पिछले साल से 1.4 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह मंत्रालय के पहले एडवांस अनुमान के अनुसार खरीफ 2025-26 सीजन के लिए कुल अनाज प्रोडक्शन 1733 लाख टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले 1695 लाख टन से अधिक था. खरीफ 2024-25 सीजन के दौरान चावल का प्रोडक्शन 1228 लाख टन रहा है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य खरीफ फसलों के प्रोडक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का अनुमान है.

कृषि मंत्री ने अच्छी बारिश को पैदावार बढ़ाने में मददगार बताया

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के कुछ इलाकों में ज्यादा बारिश से फसलों पर असर पड़ा, लेकिन ज्यादातर इलाकों को अच्छे मॉनसून से काफी फायदा हुआ है, जिससे कुल मिलाकर फसल की ग्रोथ अच्छी हुई है.  बता दें कि खरीफ फसलें मानसून की शुरुआत में जून से जुलाई तक बुवाई की जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में फसल काटी जाती है. चावल खरीफ की मुख्य फसल है, साथ ही कुछ दालें और तिलहन भी.

मक्का पैदावार बढ़ने पर दलहन उत्पादन घटने का अनुमान

2025-26 में मक्के का प्रोडक्शन 283 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 248 लाख टन से ज्यादा है, जबकि मोटे अनाज का प्रोडक्शन 414 लाख टन होने का अनुमान है. हालांकि, दालों का प्रोडक्शन एक साल पहले के 77 लाख टन के मुकाबले थोड़ा कम 74 लाख टन होने का अनुमान है. इसी तरह अरहर का प्रोडक्शन 359 लाख टन होने का अनुमान है, जो पहले के 362 लाख टन से थोड़ा कम है, जबकि उड़द का प्रोडक्शन 134 लाख टन के मुकाबले 12 लाख टन कम होने का अनुमान है,  तिलहन का प्रोडक्शन 2756 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 2802 लाख टन से कम है.

सोयाबीन-मूंगफली उत्पादन अनुमान आंकड़े

सोयाबीन का प्रोडक्शन 1526 लाख टन के मुकाबले कम होकर 1426 लाख टन रहने का अनुमान है, हालांकि मूंगफली का प्रोडक्शन 1049 लाख टन के मुकाबले ज्यादा होकर 1109 लाख टन रहने का अनुमान है. वहीं, कॉटन का प्रोडक्शन एक साल पहले के 2972 लाख गांठ के मुकाबले कम होकर 2921 लाख गांठ (हर एक 170 kg) रहने का अनुमान है, जबकि जूट और मेस्टा का प्रोडक्शन 848 लाख गांठ से घटकर 834 लाख गांठ (हर एक 180 kg) रहने का अनुमान है.

गन्ने पैदावार में जोरदार बढ़त होगी

गन्ने का प्रोडक्शन पहले के 454.6 मिलियन टन से बढ़कर 475.6 मिलियन टन होने का अनुमान है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ना की अच्छी फसल और अनुकूल मौसम को देखते पैदावार और बढ़ने का अनुमान है. बता दें कि मिनिस्ट्री किसी फसल साल के लिए फाइनल प्रोडक्शन के आंकड़ों से पहले चार एडवांस अनुमान जारी करती है, जिन्हें फसल कटाई के एक्सपेरिमेंट से असल पैदावार का डेटा मिलने पर बदला जाता है.

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Published: 26 Nov, 2025 | 03:36 PM

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