गन्ना के लिए घातक है ‘सफेद गिडार’ कीट, रुक जाती है पौधों की ग्रोथ.. जड़ में डालें ये दवा

सफेद गिडार के हमले की पहचान करना भी किसानों के लिए बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसके हमले के शुरुआती लक्षणों में पौधों की ग्रोथ रुक जाती है. साथ ही गन्नें की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं.

नोएडा | Updated On: 16 Jul, 2025 | 06:03 PM

White Giddar Insect: पूरे देश में कई दिनों से बारिश हो रही है. इससे खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आई है. लेकिन यह बारिश खरीफ फसलों के साथ-साथ गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है. क्योंकि इससे पौधों का विकास तेजी से हो रहा है. लेकिन बारिश के मौसम में कीटों के हमले में बढ़ जाते हैं. खास कर गन्ना किसानों को इस दौरान ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो ‘सफेद गिडार’ उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है.

कृषि एक्सपर्ट के अनुसार, बारिश का पानी गन्ने की फसल के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. जुलाई से सितंबर के बीच गन्ने की ग्रोथ बहुत तेजी से होती है. इस दौरान गन्ने का पौधा हर हफ्ते करीब 5 इंच तक बढ़ता है. हालांकि, इसके बावजूद बरसात के दौरान गन्ना किसानों को फसल की अच्छी देखरेख करने की जरूरत होती है. क्योंकि बारिश के मौसम में गन्ना की फसल के ऊपर ‘सफेद गिडार’ कीटों के हमले भी बढ़ जाते हैं.

गन्ने की जड़ हो जाती है कमजोर

ये कीट इतने खतरनाक होते हैं कि अगर इनका समय रहते इलाज नहीं किया गया तो गन्ने की जड़ को कमजोर कर देते हैं. इससे फसल की ग्रोथ रुक जाती है. कई बार तो गन्ने का पौधा पीला पड़ने के बाद सूख भी जाता है. इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. हालांकि, किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर किसान चाहें, तो थोड़ी सी सावधानी अपनाकर ‘सफेद गिडार’ के हमले को रोक सकते हैं.

‘सफेद गिडार’ की ऐसे करें पहचान

लेकिन ‘सफेद गिडार’ के हमले की पहचान करना भी किसानों के लिए बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसके हमले के शुरुआती लक्षणों में पौधों की ग्रोथ रूक जाती है. साथ ही गन्नें की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और धीरे-धीरे सूख जाती हैं. अगर समय पर ‘सफेद गिडार’ को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसका हमला गन्ने की जड़ पर होता है. फिर ये गन्ने की जड़ में छेद कर देते हैं. इससे गन्ने की मिट्टी में पकड़ कमजोर हो जाती है. इसलिए  ‘सफेद गिडार’ से फसल को बचाने के लिए खेत में समय-समय पर खरपतवारों को नष्ट करते रहें.

फसल का इस तरह करें उपचार

एक्सपर्ट का कहना है कि किसान हर साल एक ही खेत में गन्ने की बुवाई नहीं करें. गन्ना बुवाई करते समय मिट्टी का शोधन करने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल जरूर करें. इससे ‘सफेद गिडार’ का प्रकोप का असर कम होगा. अगर किसान चाहें, तो दूसरे उपाय भी कर सकते हैं. वे ‘सफेद गिडार’ से निजात पाने के लिए 200 ग्राम क्लोथियानिडिन 50 फीसदी WDG (Clothianidin 50 फीसदी WDG) दवा को 1875 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर लें. फिर इस घोल को प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में जड़ों के पास छिड़काव करें. ऐसा करने से ‘सफेद गिडार’ का खात्मा हो जाएगा.

Published: 16 Jul, 2025 | 05:59 PM