केरल की महिला ने बिना मिट्टी के उगाया ड्रैगन फ्रूट, हो रही लाखों की कमाई

केरल के कोल्‍लम की रहने वाले रेमाभाई एस ने नई तकनीकों का प्रयोग करके अपनी छत पर बिना मिट्टी के ड्रैगन फ्रूट उगाना शुरू किया.आज वह अपनी छत पर खेती करके हर महीने एक लाख रुपये तक की कमाई कर रही हैं.

Kisan India
Noida | Published: 8 Mar, 2025 | 11:30 AM

केरल के कोल्‍लम की रहने वाले रेमाभाई एस की कहानी आपको भी कुछ नया करने के लिए प्रेरित करेगी. रेमाभाई एस एक टीचर थीं और रिटायरमेंट के बाद उन्‍होंने नई तकनीकों का प्रयोग करके अपनी छत पर बिना मिट्टी के ड्रैगन फ्रूट उगाना शुरू किया. 36 सालों तक वह एक जियोलॉजी टीचर के तौर पर उन्‍होंने विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम किया. इसके बाद उन्‍होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती में अपना नया सफर शुरू किया. आज वह अपनी छत पर खेती करके हर महीने एक लाख रुपये तक की कमाई कर रही हैं. उनकी कहानी कई लोगों को प्रेरित करती है. साथ ही यह साबित करती है कि जुनून और दृढ़ संकल्प किसी भी उम्र में सफलता की राह दिखा सकते हैं.

शौक को बनाया बिजनेस

रेमाभाई एस अपनी मां को खोने के बाद भावनात्मक रूप से टूट गई थीं क्योंकि उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थीं. लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी छत पर खेती शुरू की और वहीं उन्हें मानसिक शांति मिली. सक्रिय रहने की इच्छा और अपने बेटे के बताए गए ड्रैगन फ्रूट के स्वास्थ्य लाभों से उन्‍हें काफी प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने बिना मिट्टी के खेती करने का फैसला किया. रेमाभाई कहती हैं कि शुरुआत में यह उनका सिर्फ एक शौक था, लेकिन अब जब उन्होंने इसकी संभावनाओं को समझा, तो इसे एक सफल व्यवसाय में बदलने का निर्णय लिया.

क्‍या थी सबसे बड़ी चुनौती

जब वह छत पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने की योजना बना रही थी तो ज्यादातर लोगों ने उन्‍हें हतोत्‍साहित किया. इन लोगों ने उनसे कहा कि ड्रैगन फ्रूट मिट्टी के बिना नहीं पनप सकता. हालांकि, रेमाभाई ने केरल में मिट्टी रहित ड्रैगन फ्रूट उगाना संभव बनाने की चुनौती ली. अब आप सोच रहे होंगे कि उन्‍होंने बिना मिट्टी के इसकी खेती करने का विकल्‍प क्‍यों चुना. दरअसल उनके पास खेती के लिए कोई खाली जमीन नहीं थी. इसलिए मिट्टी रहित तकनीक की उन्‍हें इस काम में सफल बना सकती थी. साथ ही, उनके पास बहुत ज्‍यादा संसाधन या अपनी छत पर मिट्टी लाने की क्षमता नहीं थी. इसलिए उन्‍होंने ने ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए सही बढ़ने वाले माध्यम को बनाने के लिए खाद, चूरा, पत्तियों और कार्बनिक पदार्थों से भरे बड़े प्लास्टिक बैरल का इस्तेमाल किया.

बाकी किसानों के लिए प्रेरणा

रेमाभाई की कहानी देश के कई किसानों को प्रेरित करती है. मिट्टी रहित ड्रैगन फ्रूट उगाने का अनूठा विचार एक टिकाऊ खेती तकनीक है जो खेती का भविष्य है. रेमाभाई ने बताया कि कैसे उन्होंने व्यवसाय को बढ़ाया और हर महीने 1 लाख कमाए. उन्होंने अपनी छत पर बंजर भूमि से शुरुआत की थी. एक मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘जब लोगों ने सुना कि वह ऑर्गेनिक ड्रैगन फ्रूट उगा रही हैं, तो वे दूर-दूर से उनसे इसे खरीदने आए.’

Published: 8 Mar, 2025 | 11:30 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%