भोपाल की 26 वर्षीय साक्षी भारद्वाज ने अपने घर की दीवारों पर 800 स्क्वायर फीट में 4000 पौधों वाला मिनी फॉरेस्ट तैयार किया है, जिसे उन्होंने ‘जंगलवास’ नाम दिया है. इतना ही नहीं उनके काम की सराहना केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं.
सुनीता जगत ने सरकार के सहयोग से स्वयं सहायता समूह का संगठन किया, जिसको उन्होंने रानी दुर्गावती स्व-सहायता समूह का नाम दिया. सुनीता द्वारा बनाए गए इस समूह से जुड़कर 6 लोगों ने व्यवसाय की शुरुआत की.
सिक्किम के दक्षिण जिले के मध्य चुबा गांव में अंगोरा खरगोश पालन ने किसानों की आर्थिक स्थिति बदल दी है. इस पहल से महिलाओं को भी रोजगार मिला है और यह पूरे सिक्किम में आजीविका का नया मॉडल बन चुका है.
किसान रविदत्त शर्मा ने बताया कि सेब की खेती से उन्हें पहली पैदावार साल 2023 में मिली थी. उन्होंने बताया कि पहली पैदावार में उन्हें करीब 200 छोटी पेटी हाफ बाक्स सेब मिला था.
महाराष्ट्र के रहने वाले किसान उद्यमी ऋषिकेश धाने सतारा जिले में 3 एकड़ सूखा ग्रस्त जमीन पर एलोवेरा की खेती करते हैं. जिसके लिए उन्होंने केवल गाय के गोबर की खाद, मुर्गी की खाद और मशरूम के कचरे की खाद का इस्तेमाल किया.
बैतूर के रहने वाले किसान भूपेंद्र पवार ने बताया कि विभाग के अधिकारियों से उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन और सहायता मिली, जिससे उनका उत्साह बढ़ा और नतीजा ये निकला कि गेंदे की खेती से उन्हें अच्छा उत्पादन हुआ.