मध्य प्रदेश के किसान ने पथरीली ऊबड़-खाबड़ और बंजर पड़ी जमीन को लंबे समय की मेहनत के बाद उपजाऊ बनाकर लाखों की आमदनी हासिल कर मिसाल पेश की है. किसान ने बागवानी के साथ मछली पालन, सब्जी फसलों की खेती की है. अब इस जमीन पर की जा रही फसलों और खेती मॉडल के देखने दूसरे गांवों के किसानों के साथ ही जिलाधिकारी, कृषि अधिकारी पहुंच रहे हैं.
मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिले के हर्रई विकासखंड के भुमका गांव में रहने वाले किसान पूरनलाल इवनाती ने कमाल कर दिया है. उन्होंने पथरीली और ऊबड़-खाबड़ होने की वजह कई सालों से बेकार पड़ी 6 एकड़ जमीन को अपनी मेहनत से उपजाऊ बना दिया है. उन्होंने प्राकृतिक खेती मॉडल को अपनाकर वह 1 एकड़ में केले की खेती समेत अन्य फसलों को भी उगा रहे हैं.
6 एकड़ बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने को देखने पहुंचे डीएम
किसान पूरनलाल इवनाती के खेती मॉडल को देखने के लिए जिलाधिकारी, कृषि अधिकारी तक पहुंच रहे हैं. छिंदवाड़ा के कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने भुमका गांव पहुंचकर किसान पूरनलाल इवनाती की प्राकृतिक खेती देखी. किसान ने अपनी 6 एकड़ पथरीली और ऊबड़-खाबड़ जमीन को उपजाऊ बनाकर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं.
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बागवानी के साथ सब्जी फसलों की खेती कर रहे
किसान ने जिलाधिकारी को बताया कि एक एकड़ जमीन पर केले की प्राकृतिक तरीके से खेती कर रहे हैं. वह अपनी जमीन पर आम और आंवले के बागान लगाए हैं. उनके बीच प्राकृतिक पद्धति से केला, मौसंबी, संतरा, भिन्डी, फूलगोभी, टमाटर, बींस, लहसुन, सेव, सुपारी, ड्रैगन फ्रूट आदि की खेती कर रहे हैं. इस वर्ष से उन्होंने काली मिर्च और नारियल की खेती की भी शुरूआत की है.

किसान पूरनपाल की खेती देखने पहुंचे जिलधिकारी हरेंद्र नारायण.
खेती में ड्रिप और मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल
किसान ने प्राकृतिक तरीके से खेती करने में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाया है, जिसकी वजह से उन्हें अच्छा उत्पादन मिल पा रहा है. किसान पूरनलाल ने कहा कि वह खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप तकीनक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे फसलों को कीटों रोगों से बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए मल्चिंग तकनीक को भी अपना रहे हैं.
सालाना 8 लाख रुपये कमा रहे पूरनलाल
किसान ने कहा कि वह आधुनिक खेती मॉडल को अपनाकर खेती के जरिए सालभर में 8 लाख रुपए का लाभ कमाया है. उन्होंने कहा कि वह सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. इसमें उन्होंने कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का लाभ लिया है.

किसान पूरनपाल (सफेद शर्ट में) से बातचीत करते अधिकारी.
नारियल की खेती के लिए डीएम ने पौधा लगाकर शुरूआत
कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) परियोजना के तहत पहली बार वह नारियल की खेती की शुरूआत की है. इस मौके पर पूरनलाल के खेत में कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने नारियल का पौधा लगाकर खेती की शुरुआत की और किसान को बधाई दी. कलेक्टर ने किसान पूरनलाल को प्राकृतिक खेती, इंटर क्रॉपिंग और मल्टीक्रोपिंग तकनीक अपनाने पर सराहना की.