बुंदेलखंड की 20 हजार से अधिक महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है और वे लखपति दीदी बन गई हैं. आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने दूध उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भरता हासिल की है. इसमें बड़ी भूमिका बुंदेलखंड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की उभरकर आई है. कंपनी ने इन महिलाओं को पशुपालन के जरिए दूध उत्पादन और खरीद में प्रोत्साहित किया. बुंदेलखंड क्षेत्र के तहत सातों जनपदों के 1351 ग्रामों से 90 हजार महिलाओं से हर दिन 2.72 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है.
महिलाओं को पशुपालन की ट्रेनिंग और जानकारी दी जा रही
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए सकारात्मक व प्रभावी कदम उठाए गये हैं. इसी कड़ी में बुंदेलखंड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है. बलिनी आधी आबादी के स्वावलंबन की मिसाल बन गयी है. कंपनी दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध एकत्र करने के बाद उसे संरक्षित कर बेचती हैं. महिलाओं की इस साहसिक पहल ने उनकी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही कंपनी सदस्यों को पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था, कृत्रिम गर्भाधान, गुणवत्तायुक्त पशु आहार आदि सुविधाएं भी मुहैया करा रही है.
90 हजार महिलाओं से रोज खरीदा जाता है 2.72 लाख लीटर दूध
बुंदेलखंड क्षेत्र के अन्तर्गत सातों जनपदों के 1351 ग्रामों से 90 हजार महिलाओं से रोजाना 2.72 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है. अभी तक 02 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करते हुए 1677 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. जबकि, कंपनी ने 31 करोड़ रुपये का लाभांश हासिल किया है. कंपनी में लगभग 20000 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं.
बलिनी मिल्क कंपनी 2019 में शुरू हुई
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना 2019 में झांसी में की गयी थी. कंपनी का उद्देश्य सदस्य उत्पादकों को विशेष रूप से महिलाओं के हितों की रक्षा करना है. दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए पारदर्शी तरीका, समय पर भुगतान, क्षमता निर्माण, एवं पशुधन सहायता सेवा में प्रदान करने के अपने इन उद्देश्यों को पूरा करने में बलिनी आज बड़ा नाम बन चुकी है. बलिनी में अपने संग्रह से भण्डारण तक की प्रक्रिया में बिचौलियों को दूर रखा गया है, इससे सीधे किसानों को भी लाभ मिल रहा है.
सरकारी योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जा रहा
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग की ओर से प्रदेश में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ी ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्थाओं के माध्यम से संगठित करते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न प्रकार की कृषि एवं गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ते हुए उन्हें लखपति महिला बनाने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है, एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है ,ताकि वे सालाना कम से कम एक लाख या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकें.