पहली बार देसी गिर नस्ल के भ्रूण का ट्रांसफर, नस्ल सुधार के लिए ब्राजील के साथ पशु जीनोमिक्स पर करार

उत्तर प्रदेश से इस पहल को शुरू करने से यह सुनिश्चित होता है कि इसका फायदा भारत के सबसे जरूरी डेयरी इलाकों में से एक को सबसे पहले मिले, किसानों की आय में सुधार, गांव के लोगों की रोजी-रोटी को सहयोग और राज्य के डेयरी मॉडर्नाइजेशन एजेंडा में तेजी आए. इसके बाद यह मॉडल देश के दूसरे राज्यों और उससे आगे भी अपनाया जाएगा.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 12 Dec, 2025 | 05:00 PM

पहली बार देसी गिर नस्ल के भ्रूण का ट्रांसफर करने और नस्ल सुधार के लिए ब्राजील के साथ भारत ने पशु जीनोमिक्स पर ऐतिहासिक साझेदारी की है. इसे भारत और ब्राजील ने वैश्विक डेयरी भविष्य को बदलने के लिए बड़ा कदम बताया है. इसके तहत भारत में पहली बार शुद्ध देसी गिर नस्ल के भ्रूण का इंपोर्ट और ET टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके भ्रूण ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की गई है. यह अपनी तरह का पहला क्रॉस-कॉन्टिनेंटल जेनेटिक सुधार कार्यक्रम है. इसके लिए ब्राज़ीलियन गिर जेनेटिक्स पर आधारित भारत की पहली IVF और एम्ब्रियो लैब की स्थापना की जा रही है ताकि ब्राजील से भारत में पहली बार गिर नस्ल के मवेशियों के भ्रूण के आयात को सुविधाजनक बनाया जा सके.

भारत और ब्राज़ील ने क्रॉस-कॉन्टिनेंटल जेनेटिक सुधार कार्यक्रम के जरिए डेयरी गायों और भैंसों की जीनोमिक्स को आगे बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए त्रिपक्षीय MOU किया. यह मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) और संबंधित टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोजेक्ट (PCT) पर ब्राजीलिया में भारतीय दूतावास में एम्ब्रापा, ब्राज़ील की कृषि, पशुधन और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय, MAPA, ब्राज़ील की सरकारी कृषि अनुसंधान संस्था, फज़ेंडा फ्लोरेस्टा और DNAMark और भारत की लीड्स जेनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, बी.एल. कामधेनु फार्म्स और लीड्स कनेक्ट सर्विसेज के बीच किया गया.

यह समझौता बोवाइन जीनोमिक्स में दोनों देशों के बीच अपनी तरह का पहला B2G सहयोग है, जो एम्ब्रापा की भारत में किसी प्राइवेट संगठन के साथ पहली पार्टनरशिप है. यह पशुधन और कृषि इनोवेशन, खाद्य सुरक्षा प्राथमिकताओं और कैटल जेनेटिक्स में साझा वैश्विक नेतृत्व के रणनीतिक तालमेल को दिखाता है. भारत को इस इंडो-ब्राजील सहयोग से काफी फायदा होगा. यह बदलाव भारत के सबसे बड़े दूध उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश से शुरू होगा. इस पार्टनरशिप के तहत एडवांस्ड ट्रॉपिकल डेयरी जेनेटिक्स, क्लाइमेट-रेज़िलिएंट स्पीशीज़, और कटिंग-एज जीनोमिक रिसर्च शुरू करके जानवरों की उत्पादकता बढ़ाई जाएगी और देश की साइंटिफिक क्षमताओं को मज़बूत किया जाएगा.

यूपी में पहल से किसानों की आय में सुधार होगा

उत्तर प्रदेश से इस पहल को शुरू करने से यह सुनिश्चित होता है कि इसका फायदा भारत के सबसे जरूरी डेयरी इलाकों में से एक को सबसे पहले मिले, किसानों की आय में सुधार, गांव के लोगों की रोजी-रोटी को सहयोग और राज्य के डेयरी मॉडर्नाइजेशन एजेंडा में तेजी आए. इसके बाद यह मॉडल देश के दूसरे राज्यों और उससे आगे भी अपनाया जाएगा.

लाखों किसानों के लिए सस्टेनेबल ग्रोथ का भविष्य पक्का होगा

ब्राजील में भारत के एम्बेसडर दिनेश भाटिया ने कहा कि यह पहल भारत-ब्राजील सहयोग की सबसे अच्छी भावना, इनोवेटिव, सबको साथ लेकर चलने वाली और वैश्विक रूप से रेलेवेंट को दिखाती है. अपने साइंटिफिक संस्थानों और प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञों की काबिलियत को जोड़कर, हम लाखों किसानों के लिए सस्टेनेबल ग्रोथ का भविष्य बना रहे हैं. वहीं, एम्ब्रापा की अध्यक्ष सिल्विया मासरुहा ने कहा कि यह सहयोग दुनिया की भलाई के लिए साइंटिफिक कोऑपरेशन के लिए एम्ब्रापा के कमिटमेंट को दिखाता है. जीनोमिक्स में ब्राजील की तरक्की को भारत के बड़े लाइवस्टॉक इकोसिस्टम के साथ मिलाकर, हम एक शेयर्ड इनोवेशन प्लेटफॉर्म बना रहे हैं जिससे दोनों देशों के किसानों, रिसर्चर्स और डेयरी इकॉनमी को फायदा होगा.

भारत सस्टेनेबल डेयरी जेनेटिक्स में अग्रणी बनेगा

लीड्स जेनेटिक्स के निदेशक नवनीत रविकर ने कहा कि एम्ब्रापा और फजेंडा फ़्लोरेस्टा के साथ हमारी पार्टनरशिप, साइंटिफिक, डेटा-ड्रिवन कैटल इम्प्रूवमेंट की दिशा में भारत के सफर में एक टर्निंग पॉइंट है. अगले दस साल में यह प्रोग्राम एलीट और कम्युनिटी-लेवल की ब्रीडिंग दोनों को बदल देगा, ग्रामीण आजीविका को मजबूत करेगा और भारत को सस्टेनेबल डेयरी जेनेटिक्स में अग्रणी बनाएगा. इस MoU से हम न सिर्फ मवेशियों के जेनेटिक्स में सुधार कर रहे हैं. हम एक नया इंडो- ब्राज़ील इनोवेशन कॉरिडोर बना रहे हैं, किसानों को मजबूत बना रहे हैं और भारत को ट्रॉपिकल डेयरी जेनेटिक्स के लिए एक ग्लोबल हब के तौर पर स्थापित कर रहे हैं.

एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा

सस्टेनेबल डेयरी एक्सीलेंस में एक पायनियरिंग ताकत और फेजेंडा फ्लोरेस्टा की डायरेक्टर रॉबर्टा बर्टिन बैरोस ने कहा कि डेयरी जेनेटिक्स में ब्राजील और भारत के बीच एक नैचुरल तालमेल है. दो साल से ज्यादा समय से हमने ब्राज़ील की जेनेटिक एक्सीलेंस को भारत में लाने के लिए अपने इंडियन पार्टनर्स के साथ मिलकर काम किया है. आज का MoU इस कमिटमेंट को और मजबूत करता है, जिससे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को बढ़ाया जा सकेगा और दोनों देशों के बीच लंबे समय तक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

इस सहयोग के तहत बरेली में स्वदेशी मवेशी जेनेटिक्स और सर्कुलर डेयरी इकोनॉमी के लिए एक मल्टी-लोकेशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) के रूप में विकसित हो रहे बीएल कामधेनु फार्म के 10,000-हेड इंटीग्रेटेड मॉडल डेयरी फार्म में अपना काम शुरू किया जाएगा. इसे जीनोमिक्स लैब, IVF सुविधाओं और किसान नेटवर्क का समर्थन प्राप्त है.

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