प्याज की खेती करने वाला हर किसान यही चाहता है कि उसके खेत में उगने वाले प्याज का आकार बड़ा हो, ताकि फसल का दाम अच्छा मिले और मेहनत सफल हो. क्योंकि अगर प्याज का आकार छोटा होता है तो मंडियों में इसकी खरीद पर भी असर पड़ता है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपके खेत में उगने वाला प्याज बड़ा, मजबूत और सेहतमंद हो, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
सही किस्म का चुनाव
अगर आप बड़े आकार वाले प्याज उगाना चाहते हैं, तो सबसे पहले बीज या पौध की किस्म पर ध्यान दें. कुछ खास किस्में जैसे ‘ऐल्सा क्रेग’ (Ailsa Craig) और ‘केल्से’ (Kelsae) खासतौर पर बड़े प्याज के लिए जानी जाती हैं. इनकी बल्ब मोटी और मजबूत होती हैं, जो बाजार में अच्छा दाम दिला सकती हैं.
समय पर बुवाई
प्याज की बुवाई का सही समय उसकी अच्छी ग्रोथ के लिए बेहद अहम है. जब सर्दियों की ठंड थोड़ी कम हो जाए और मिट्टी में नमी बनी हो, तभी बुवाई करें. उत्तर भारत में आमतौर पर जनवरी से फरवरी का समय सही माना जाता है.
उर्वरक और जलनिकास पर दें ध्यान
बड़ी प्याज के लिए मिट्टी उपजाऊ और जलनिकासी वाली होनी चाहिए. खेत की जुताई के समय गोबर की खाद या सड़ी हुई कंपोस्ट अच्छी मात्रा में डालें. प्याज को ज्यादा नाइट्रोजन वाली खाद पसंद नहीं होती, लेकिन फॉस्फोरस और पोटाश इसके बल्ब को बढ़ाने में मदद करते हैं.
सिंचाई का सही तरीका
प्याज की फसल को बराबर और नियंत्रित मात्रा में पानी चाहिए. बहुत ज्यादा पानी से बल्ब सड़ सकते हैं और कम पानी से विकास रुक सकता है. गर्मी के दिनों में 7-10 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करें और बारिश के मौसम में जलजमाव से बचाएं.
खरपतवार हटाना
खरपतवार यानी बेकार की घास प्याज की ग्रोथ को रोकती है. ये पौधे के पोषण को चुरा लेते हैं और बल्ब ठीक से नहीं बन पाता. इसलिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें और चाहें तो मल्चिंग (पुआल या प्लास्टिक शीट) का इस्तेमाल करके मिट्टी को ढक दें.
पौधों में दूरी बनाए रखें
अगर आप बीज से प्याज उगा रहे हैं, तो जरूरी है कि जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं तो उन्हें सही दूरी पर छांट दें. एक पौधे को कम से कम 10 सेमी जगह चाहिए ताकि बल्ब को फैलने की जगह मिल सके.
सही समय पर कटाई
जब प्याज की पत्तियां पीली होकर नीचे गिरने लगें, और उनका ऊपरी हिस्सा सूखने लगे, तभी फसल काटें. बहुत जल्दी काटने से प्याज छोटा रह जाएगा और देर से काटने पर वह फट सकता है या खराब हो सकता है. कटाई के बाद प्याज को कुछ दिन छांव में सुखाकर भंडारण करें.