CM योगी का एक्शन प्लान.. किसानों की बढ़ेगी कमाई, 5 साल के लिए पट्टे पर मिलेंगे तालाब

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया. ग्राम सचिवालयों की स्थापना, डिजिटल निगरानी, जल संरक्षण, स्वच्छता और प्लास्टिक प्रतिबंध जैसे प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्होंने पारदर्शिता, जिम्मेदारी और सतत विकास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 16 May, 2025 | 11:34 AM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय की अवधारणा को नीति आयोग ने एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया है. प्रदेश के सभी पंचायत भवन ग्राम सचिवालय के रूप में कार्य कर रहे हैं. यह पंचायतीराज व्यवस्था को नई पहचान देने वाला परिवर्तन है. साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें के कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ावा दें. साथ ही उन्होंने कहा तालाबों को 5 साल के लिए पट्टे पर दिए जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता ही प्रदेश के सतत विकास का आधार बनेगी. इसके लिए ग्राम स्तर पर कार्यरत सभी व्यवस्थाओं को सशक्त, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना आवश्यक है. सरकार इसी दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना हो चुकी है, जो लोकतंत्र की अवधारणा को धरातल पर साकार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है. उन्होंने निर्देश दिए कि इन सचिवालयों में स्थापित कंप्यूटरों के माध्यम से पंचायत गेटवे पोर्टल से जुड़ी समस्त धनराशियों का भुगतान हो, जिससे पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो.

15 दिवसीय कंप्यूटर ट्रेनिंग जरूरी

मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय कॉल सेंटर, ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली, 10-सीटर कॉल सेंटर की स्थापना, ग्राम सचिवालय की जियोफेंसिंग और इंटरनेट कॉलिंग जैसी डिजिटल पहलों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि ग्राम सहायकों को 15 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए. साथ ही ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के कार्यों की निगरानी के लिए इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम उपयोग हो. मुख्यमंत्री ने अमृत सरोवरों के रखरखाव, वृक्षारोपण और सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन में ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान ड्रेनेज का पानी अमृत सरोवर या अन्य तालाबों में न पहुंचे. इसके लिए गांव के बाहर उचित निकासी की व्यवस्था की सुनिश्चित की जाए.

3 से 5 वर्षों के लिए पट्टे पर मिलेगा तालाब

सीएम ने कहा कि तालाबों के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न की जाए और तालाबों को 3 से 5 वर्षों के लिए पट्टे पर दिया जाए और उससे प्राप्त राजस्व का उपयोग ग्राम विकास में किया जाए. उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि तालाब आवंटन, रखरखाव और उनके उपयोग के लिए पंचायती राज विभाग, राजस्व विभाग और मत्स्य विभाग को समन्वित कार्य योजना एक निश्चित बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाब केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि ग्राम्य संस्कृति के वाहक हैं. उनकी डिसिल्टिंग समय रहते कर ली जाए. रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था ग्राम सचिवालय, आंगनबाड़ी केंद्रों व प्राथमिक विद्यालयों में अनिवार्य रूप से हो.

90,891 गांव बने ओडीएफ प्लस

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई और देखरेख सुनिश्चित हो तथा संबंधित कर्मचारियों को समय पर मानदेय दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 96,171 राजस्व ग्रामों में से 90,891 ग्राम ओडीएफ प्लस घोषित हो चुके हैं. शेष ग्रामों को शीघ्रता से इस स्थिति में लाया जाए. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने तथा प्लास्टिक प्रबंधन इकाइयों के समयबद्ध निर्माण के निर्देश दिए. इस संबंध में अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि 150 प्रस्तावित इकाइयों में से 89 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 33 निर्माणाधीन हैं, जिन्हें समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जा रहा है.

 

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Published: 16 May, 2025 | 11:04 AM

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