Successful Farmer : लोगों को घर बैठे-बैठे ऑनलाइन सब्जी खरीदने में कितनी आसानी होती है, लेकिन कुछ ही लोगों को पता है कि असल में इन सब्जियों को खेतों में उगाने में कितनी मेहनत लगती है. लेकिन, आजकल के समय में काफी जगहों पर सब्जियों को जल्दी उगाने में काफी सारे केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिससे वो खाने के लायक तो हो जाती हैं, लेकिन सेहत के लिए बहुत नुकसान देती हैं. लेकिन, किसानों की मेहनत को अब थोड़ा कम करने के लिए गुजरात के स्टूडेंट्स ने एक कमाल की मशीन बनाई है.
गुजरात के सूरत में पढ़ने वाले दो दसवीं कक्षा के छात्र पीयूष और प्रशांत आज हर जगह सुर्खियों में हैं. इसकी वजह है उनका बनाया हुआ एक शानदार ऑटोमेटिक मॉडल, जिसका नाम उन्होंने धरतीपुत्र रखा है. ये सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि खेती से जुड़ी कई मुश्किलों का आसान समाधान है. पीयूष और प्रशांत ने अपने टीचर देवेश पटेल से मदद ली और धीरे-धीरे एक ऐसा मॉडल तैयार करने लगे, जो किसान की कई बड़ी दिक्कतें एक साथ हल कर सके. महीनों की मेहनत और कई बार असफल होने के बाद उन्होंने ये अनोखी मशीन बनाई है.
मेहनत को देखकर बनाई मशीन
दरअसल, किसान रोजाना अपने खेतों में सिंचाई, पौधों को पोषण देने और प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाले घोल को पौधों तक पहुंचाने में समय और मेहनत खर्च करते हैं. कई बार खेत बड़े होने की वजह से किसान वक्त पर हर काम नहीं कर पाते, जिससे उनकी फसल पर असर पड़ता है. इन्हीं दिक्कतों को समझते हुए पीयूष और प्रशांत ने इस मॉडल के बारे में सोचा और इसी सोच ने धरतीपुत्र नाम की इस मशीन को जन्म दिया.

धरतीपुत्र मशीन
सोलर पावर से चलती है मशीन
धरतीपुत्र की सबसे खास बात यह है कि ये प्राकृतिक खेती का पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक बना देती है. ये मशीन ड्रिप इरीगेशन के जरीए से पौधों को उतना ही घोल और पोषण देती है, जितना खेत को जरूरत होती है. खास बात ये है कि इस मशीन का पूरा संचालन सौर ऊर्जा यानी सोलर पावर से किया जा सकता है, जिससे बिजली की चिंता भी नहीं रहती. अपने प्रोजेक्ट के बारे में राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में बताते हुए देवेश पटेल ने किसान इंडिया को बताया है कि किसान चाहे खेत में हों या घर पर, वे इस तकनीक के जरिए अपनी फसल को आसानी से मैनेज कर सकते हैं.

खेती का पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक
आसानी से बन जाते हैं घोल
उन्होंने आगे बताया कि ये मशीन इस तरह से तैयार की गई है कि इससे खेती में इस्तेमाल होने वाले घोल जैसे जीवामृत, बिजामृत, ब्रह्मास्त्र और नीमस्त्र बहुत आसानी से बन जाते हैं. मशीन के नीचे कंटेनर ऐड किया गया है, जिससे घोल स्टोर किया जा सकता है. देवेश ने बताया कि इस मशीन को चलाना काफी आसान है, इसमें बस किसान को इंस्ट्रक्शन देना है और खेतों के लिए नेचुरल फर्टीलाइजर बन के तैयार हो जाएगा. साथ ही उन लोगों ने मशीन में हीटर भी ऐड किया है, जिसे आवश्यकता के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है.