पहले पानी लाने में दिन गुजरता था.. इस योजना से बदली किस्मत, अब घरों में बह रही ‘गंगा की धार’

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के कटघरी गांव की महिलाएं पहले घर में इस्तेमाल के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए दिनभर खपा देती थीं. लेकिन, पीएम मोदी की एक योजना ने यहां के हालात में भारी सुधार कर दिया है और लोगों की दिनचर्या भी बेहतर हो गई है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 10 Jul, 2025 | 11:00 AM

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के कटघरी गांव की पहचान कभी जल संकट से थी. महिलाएं सुबह-सुबह बर्तन लेकर निकलती थीं और कुएं, तालाब या हैंडपंप से पानी भरने में पूरा दिन बीत जाता था. लेकिन अब इस गांव में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. जल जीवन मिशन के तहत गांव के हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है. इससे न सिर्फ पानी के लिए घंटों की मशक्कत खत्म हुई, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार आया है. अब महिलाएं और बच्चे हैंडपंप की लाइन में नहीं लगते, बल्कि घर बैठे ही साफ पानी मिल रहा है. गांव के लोग इसे ‘गंगा की धार’ कहकर इस बदलाव का जश्न मना रहे हैं।

जब पानी था सबसे बड़ी चिंता

कटघरी गांव की आबादी करीब 5 हजार है. प्रसार भारती के मुताबिक, कुछ साल पहले तक यहां के लोग पीने के पानी के लिए पूरी तरह परंपरागत स्रोतों जैसे कुएं, तालाब और हैंडपंप पर निर्भर थे. जिनके घर में पानी की सुविधा नहीं थी, वे सुबह से ही लाइन में लग जाते थे. खासकर महिलाएं और बच्चे दिन का बड़ा हिस्सा सिर्फ पानी लाने में ही गुजारते थे. इतना ही नहीं गर्मी के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती थी जब हैंडपंप सूखने लगते थे.

आठ महीने में आया बड़ा बदलाव

करीब आठ महीने पहले जल जीवन मिशन  के तहत कटघरी गांव में पाइपलाइन बिछाई गई और हर घर में घरेलू नल कनेक्शन दिया गया. अब स्थिति यह है कि हर परिवार के घर में नल से साफ और शुद्ध पेयजल मिल रहा है. सरकार की यह योजना ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने के लिए चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य है हर घर जल.

अब नहीं जाना पड़ता कुएं और हैंडपंप तक

कटघरी गांव की महिलाएं अहिल्या बाई, सरस्वती बाई मरकाम और कमलेश्वरी बाई के अनुसार, पहले उन्हें दिन में कई बार मोहल्ले के कुएं या हैंडपंप तक जाना पड़ता था. सुबह-सुबह पानी भरने की होड़ लगी रहती थी और शरीर पर काफी बोझ पड़ता था. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से शुद्ध पानी आ रहा है.महिलाों का कहना है कि, अब हमें सुबह-शाम पानी के लिए लाइन में खड़े नहीं होना पड़ता, न ही बर्तन उठाकर दूर जाना पड़ता. अब तो पानी खुद चलकर घर आ रहा है.

शुद्ध पानी से बदला स्वास्थ्य और जीवन स्तर

अब जब लोगों को शुद्ध और साफ पेयजल मिल रहा है तो इसका असर सीधे उनके स्वास्थ्य पर भी दिख रहा है. जहां पहले गंदे पानी से पेट से जुड़ी बीमारियां आम थीं, लेकिन अब गांव में इन मामलों में कमी आई है. साथ ही पानी की उपलब्धता से लोग समय का बेहतर इस्तेमाल कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं महिलाएं घर के बाकी कामों और बच्चों की पढ़ाई में समय भी दे रही हैं.

गांववालों के चेहरे पर दिख रही है राहत

सरकार के इस प्रयास से कटघरी गांव अब जल संकट से पूरी तरह मुक्त हो चुका है. जल जीवन मिशन के तहत आए इस बदलाव से गांववाले बेहद खुश हैं. जिला क्रेड़ा प्रभारी राम स्नेही कश्यप के मुताबिक, शासन की इस योजना ने ग्रामीणों को पानी की समस्या से मुक्ति दी है और गांव को आत्मनिर्भर बनाया है. अब यह गांव जल संकट नहीं, बल्कि ‘हर घर जल’ की मिसाल बन चुका है.

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