ओडिशा सरकार ने राज्य के किसानों की मदद और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाया है. कृषि विभाग ने चार बड़ी संस्थाओं के साथ समझौते किए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और खेती को आधुनिक बनाना है. ये समझौते उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव की मौजूदगी में किए गए. तो चलिए जानते हैं ये 4 बड़ी संस्थाएं कैसे करेंगी किसानों की मदद.
बीज उत्पादन और सप्लाई चेन को मिलेगा बढ़ावा
ओडिशा स्टेट सीड कॉरपोरेशन (OSSC) के साथ हुए समझौते का मकसद किसानों तक प्रमाणित बीजों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना है. साथ ही, पुराने बीजों की जगह नए किस्मों के बीजों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा. इस योजना के तहत 56 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य रखा गया है.
खेतों के लिए आधुनिक उपकरण और सिंचाई योजनाएं
ओडिशा एग्रो-इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन (OAIC) कृषि उपकरण और सिंचाई के क्षेत्र में बड़ा निवेश करेगा. इसमें 45,000 टन खाद और कीटनाशक की खरीद, 7,000 ट्रैक्टर और 1,000 पावर टिलर शामिल हैं. इसके अलावा, 5,200 इलेक्ट्रिक लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट, 4,800 सोलर वॉटर टैंक और 1,000 शैलो ट्यूब वेल तैयार किए जाएंगे. इस पूरी योजना पर 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और कुल टर्नओवर का लक्ष्य 1,000 करोड़ रुपये है.
कृषि क्षेत्र में उद्यमिता (Entrepreneurship)को मिलेगा बढ़ावा
एपीआईकोल (APICOL) के साथ हुए समझौते के तहत राज्य में 6,500 नए कृषि बिजनेस शुरू किए जाएंगे. इस योजना में कुल 250 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इसमें से 200 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री कृषि उद्यम योजना (MKUY) के लिए और 50 करोड़ रुपये कोल्ड स्टोरेज सपोर्ट स्कीम के लिए रखे गए हैं. इसका उद्देश्य युवाओं को खेती से जुड़े बिजनेस की ओर की ओर प्रेरित करना है.
काजू उत्पादन को मिलेगा नया जीवन
ओडिशा स्टेट काजू विकास निगम (OSCDCL) अगले वित्तीय वर्ष में 500 हेक्टेयर में हाईब्रिड काजू के पौधे लगाएगा. इसके अलावा, 1,336 हेक्टेयर क्षेत्र में पहले से लगे पेड़ों की देखरेख की जाएगी. निगम 20 नर्सरी के जरिए 35 लाख हाईब्रिड काजू पौधे तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मिली सराहना
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री सिंह देव ने OAIC और APICOL के प्रबंध निदेशकों को उनके पिछले वित्तीय वर्ष के बेहतरीन कार्यों के लिए सम्मानित किया. उन्होंने कहा, “हम किसानों की तरक्की के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.” कृषि विभाग ने अपने स्वीकृत बजट का 94.7% उपयोग करके यह साबित भी कर दिया है.