किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने की मुआवजे की मांग, डिमांड पूरी नहीं होने पर… करना पड़ेगा सामना

अमृतसर में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आग, ओलावृष्टि और सरकारी कार्रवाई से हुए नुकसान पर मुआवजा मांगा. सरकार पर धोखे का आरोप लगाते हुए उन्होंने केस वापसी की मांग की है.

नोएडा | Updated On: 4 May, 2025 | 03:51 PM

अमृतसर में वरिष्ठ किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के बाहर किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में आगजनी और बेमौसम ओलावृष्टि से राज्यभर में हजारों एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल को बर्बाद हो गई है. कई जगहों पर किसानों को पूरी तरह नुकसान हुआ है, जिससे वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे. पंढेर ने यह भी कहा कि नुकसान सिर्फ फसल तक सीमित नहीं रहा, कई किसानों की मशीनें जल गईं और कुछ मामलों में तो जान भी चली गई.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पंढेर ने राज्य सरकार से अपील की कि वह इस तबाही की गंभीरता को समझे और किसानों को ज्यादा आर्थिक मदद दे. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से सब्जियों और दूसरी मौसमी फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. पहले से कर्ज में डूबे किसानों के लिए यह संकट और गहरा गया है. इसलिए नुकसान के वास्तविक आकलन के आधार पर तुरंत मुआवजा दिया जाए. आग लगने की घटनाओं में गेहूं की पराली भी जल गई है, जिससे पशुओं के चारे की भारी कमी हो गई है. पंढेर ने कहा कि सरकार को इस समस्या के लिए भी आर्थिक मदद देनी चाहिए.

किसानों के साथ धोखा

पंढेर ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 19 और 20 मार्च के किसान आंदोलनों के दौरान सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि शंभू, खनौरी और अन्य प्रदर्शन स्थलों पर प्रशासन ने न सिर्फ बल प्रयोग किया, बल्कि किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली, टेंट और अन्य सामान तोड़ दिया या जब्त कर लिया. पंढेर ने इन घटनाओं में हुए नुकसान के लिए मुआवज़े की मांग की.

केस वापस लेने की मांग

उन्होंने घनौर के विधायक गुरलाल सिंह और उनके करीबी साथियों को इस कार्रवाई का जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें विधानसभा से बाहर निकालने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. एक और अहम मांग शंभू थाने के एसएचओ हरप्रीत सिंह को सस्पेंड कर मुकदमा चलाने की है, जिन पर किसान नेता बलवंत सिंह बेहरामके से मारपीट का आरोप है. साथ ही, आंदोलन का समर्थन करने वाले युवाओं पर दर्ज पुलिस केस वापस लेने की मांग भी की गई.

पंढेर ने सरकार को दी चेतावनी

पंढेर ने यह भी कहा कि मौजूदा गेहूं खरीद सीजन के दौरान मंडियों में कोई भी अतिरिक्त कटौती न की जाए और सभी शुल्क सरकार के तय नियमों के मुताबिक ही हों, ताकि किसानों पर और बोझ न बढ़े. अंत में पंढेर ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर जल्द और पर्याप्त कार्रवाई नहीं की, तो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा मिलकर अपनी अगली रणनीति की घोषणा करेंगे. इसके लिए जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी.

Published: 4 May, 2025 | 03:40 PM