केंद्र सरकार ने तय किया गेहूं का रिजर्व प्राइस, MSP से अधिक है कीमत

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मार्च 2026 तक हर महीने करीब 18 लाख टन गेहूं की जरूरत पूरी करने के बाद भी खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा. FCI इस वित्त वर्ष में 40 से 50 लाख टन गेहूं बाजार में बेच सकता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Jul, 2025 | 07:59 PM

Wheat Reserve Price: खाद्य मंत्रालय ने आटा मिलों जैसे बड़े खरीदारों को खुले बाजार योजना (OMSS) के तहत गेहूं बेचने के लिए नई कीमत तय कर दी है. अब 2025-26 के लिए गेहूं का रिजर्व प्राइस 2550 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जो इस सीजन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल से थोड़ा ज्यादा है. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने OMSS के तहत गेहूं 2325 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा था. यह गेहूं भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास मौजूद अतिरिक्त भंडार से दिया जाएगा.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय ने एक नोट में कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बफर स्टॉक और अन्य जरूरतों के बाद, खुले बाजार में कितना गेहूं बेचा जाएगा, यह फैसला FCI मंत्रालय से सलाह लेकर करेगा. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त 20 लाख टन गेहूं इस्तेमाल किया जा सकता है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा कि अभी गेहूं की कटाई पूरी हुई है और बाजार में भरपूर स्टॉक मौजूद है. उन्होंने कहा कि फिलहाल बाजार में गेहूं की कीमतें OMSS की रिजर्व प्राइस से भी कम चल रही हैं.

FCI 50 लाख टन गेहूं बाजार में बेच सकता है

अधिकारियों के मुताबिक, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मार्च 2026 तक हर महीने करीब 18 लाख टन गेहूं की जरूरत पूरी करने के बाद भी खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा. FCI इस वित्त वर्ष में 40 से 50 लाख टन गेहूं बाजार में बेच सकता है. रिजर्व प्राइस 2550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है (जिसमें ट्रांसपोर्टेशन खर्च शामिल नहीं है) और यह दर 30 जून 2026 तक लागू रहेगी. यह कीमत नेफेड, NCCF, केंद्रीय भंडार जैसे कोऑपरेटिव संस्थानों पर भी लागू होगी, जो ‘भारत’ ब्रांड के तहत बिक्री करेंगे. बिक्री केवल उनके स्टोर्स, मोबाइल वैन, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और बड़े रिटेल चेन के जरिए ही होगी.

300 लाख टन गेहूं की खरीद

FCI और राज्य एजेंसियों के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 (अप्रैल-जून) के तहत अब तक 300 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा है. ऐसे में सरकार जल्द ही खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू करने वाली है, ताकि कीमतों में किसी भी संभावित बढ़ोतरी को रोका जा सके. वित्त वर्ष 2024-25 में FCI ने OMSS के तहत साप्ताहिक नीलामी के जरिए 30 लाख टन गेहूं बेचा था, जबकि FY24 में रिकॉर्ड 100 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई थी.

आटा मिलों पर भंडारण की सीमा लागू

कृषि मंत्रालय की तीसरी अग्रिम अनुमान रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 1175 लाख टन आंका गया है, जो पिछले साल की तुलना में 3.7 फीसद ज्यादा है. इसके बावजूद, सरकार ने व्यापारियों, स्टॉकिस्ट्स और आटा मिलों पर भंडारण की सीमा लागू की है.

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Published: 12 Jul, 2025 | 07:55 PM

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